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आसान नहीं है बैंकों के विलय का रास्ता! सरकार के फैसले पर उठ रहे सवाल

Edited By vasudha,Updated: 20 Feb, 2020 01:02 PM

the path of merger of banks is not easy

यूनाइटेड बैंक के उपभोक्ताओं और शेयरधारकों समेत सभी जुड़े पक्ष इस बात से निराश हैं कि विलय के बाद सामने आने वाली संयुक्त इकाई में उनकी पुरानी पहचान को जगह नहीं दी गयी है। एक अधिकारी ने वीरवार को यह बताया। दरअसल केंद्र सरकार ने  घाटे में चल रहे 10...

बिजनेस डेस्क: यूनाइटेड बैंक के उपभोक्ताओं और शेयरधारकों समेत सभी जुड़े पक्ष इस बात से निराश हैं कि विलय के बाद सामने आने वाली संयुक्त इकाई में उनकी पुरानी पहचान को जगह नहीं दी गयी है। एक अधिकारी ने वीरवार को यह बताया। दरअसल केंद्र सरकार ने  घाटे में चल रहे 10 सरकारी बैंकों को पंजाब नेशनल बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का विलय करने की घोषणा की है। इसके बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 रह जाएगी। 

 

इस बड़े विलय की घोषणा पिछले साल 30 अगस्त को की गई थी। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, मर्जर के बाद बैंकों के नाम भी बदल सकते हैं। यूनाइटेड बैंक के एक अधिकारी ने कहा कि बैंक का बंगाल के इतिहास से पुराना जुड़ाव रहा है। इसकी स्थापना 1914 में हुई और तब इसे कोमिला बैंकिंग कॉरपोरेशन कहा जाता था। बाद में यह 1950 में तीन अन्य बैंकों के विलय के बाद यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया लिमिटेड बन गया। अधिकारी ने बताया कि जब 1969 में बैंकों को राष्ट्रीयकृत किया गया, इसका नाम यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया हो गया। चूंकि यूनाइटेड बैंक लंबे समय से बंगाल की पहचान के साथ जुड़ा रहा है, अत: संयुक्त इकाई में इसकी पहचान को जगह नहीं मिलने से इससे जुड़े लोगों में निराशा है।

 

विलय का ग्राहकों पर क्या पड़ेगा असर

  • ग्राहकों को नया अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी मिल सकता है। 
  • जिन ग्राहकों को नए अकाउंट नंबर या IFSC कोड मिलेंगे, उन्हें नए डिटेल्स इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, इंश्योरंस कंपनियों, म्यूचुअल फंड, नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) आदि में अपडेट करवाने होंगे.
  • SIP या लोन EMI के लिए ग्राहकों को नया इंस्ट्रक्शन फॉर्म भरना पड़ सकता है। 
  • नई चेकबुक, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड इशू हो सकता है। 
  • फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) या रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) पर मिलने वाले ब्याज में कोई बदलाव नहीं होगा।
  • जिन ब्याज दरों पर व्हीकल लोन, होम लोन, पर्सनल लोन आदि लिए गए हैं, उनमें कोई बदलाव नहीं होगा।
  • कुछ शाखाएं बंद हो सकती हैं, इसलिए ग्राहकों को नई शाखाओं में जाना पड़ सकता है। 
  • मर्जर के बाद एंटिटी को सभी इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरिंग सर्विस (ECS) निर्देशों और पोस्ट डेटेड चेक को क्लीयर करना होगा। 

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