सरकारी बैंकों का मुनाफा बीते वित्त वर्ष में एक लाख करोड़ रुपए के पार

Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 May, 2023 04:48 PM

the profit of public sector banks crossed one lakh crore rupees

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) का मुनाफा बीते वित्त वर्ष (2022-23) में सामूहिक रूप से बढ़कर एक लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। इसमें लगभग आधी हिस्सेदारी देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की रही। पीएसबी के वित्तीय परिणामों के...

नई दिल्लीः सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) का मुनाफा बीते वित्त वर्ष (2022-23) में सामूहिक रूप से बढ़कर एक लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। इसमें लगभग आधी हिस्सेदारी देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की रही। पीएसबी के वित्तीय परिणामों के विश्लेषण से पता चलता है कि पिछले कुछ साल में बैंकों ने लंबा रास्ता तय किया है। पीएसबी ने 2017-18 में 85,390 करोड़ रुपए का कुल शुद्ध घाटा दर्ज करने के बाद 2022-23 में 1,04,649 का मुनाफा कमाया है। 

इन 12 सरकारी बैंकों का मुनाफा 2021-22 के 66,539.98 करोड़ रुपए की तुलना में 57 प्रतिशत बढ़ा है। प्रतिशत में देखें तो पुणे के बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) का मुनाफा सबसे अधिक 126 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2,602 करोड़ रुपये रहा है। इसके बाद यूको ने 100 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1,862 करोड़ रुपए और बैंक ऑफ बड़ौदा ने 94 प्रतिशत के साथ 14,110 करोड़ रुपये मुनाफा कमाया है। कुल मिलाकर एसबीआई का सालाना लाभ 59 प्रतिशत वृद्धि के साथ बीते वित्त वर्ष में 50,232 करोड़ रुपए रहा है। 

पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को छोड़कर अन्य पीएसबी ने शुद्ध लाभ में प्रभावी वृद्धि दर्ज की। पीएनबी का शुद्ध लाभ 2021-22 के 3,457 करोड़ रुपए से 27 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,507 करोड़ रुपए रहा है। आंकड़ों के अनुसार, 10,000 करोड़ रुपए से ज्यादा सालाना लाभ कमाने वाले सरकारी बैंकों में बैंक ऑफ बड़ौदा (14,110 करोड़ रुपए) और केनरा बैंक (10,604 करोड़ रुपए) भी शामिल हैं। 
 

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