Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Sep, 2017 04:25 PM
आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए मौद्रिक और राजकोषीय मोर्चे पर अधिक गुंजाइश नहीं होने की वजह से देश ....
नई दिल्लीः आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए मौद्रिक और राजकोषीय मोर्चे पर अधिक गुंजाइश नहीं होने की वजह से देश को अपने विदेशी मुद्रा भंडार के एक हिस्से का इस्तेमाल आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन देने के लिए करना चाहिए। ड्यूश बैंक की एक रिपोर्ट में यह सुझाव दिया गया है। वैश्विक वित्तीय सेवा क्षेत्र की कंपनी के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल वृद्धि की दृष्टि से महत्वपूर्ण सार्वजनिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए किया जा सकता है। रिपोर्ट कहती है कि भारत की भंडार पर्याप्तता की स्थिति जैसा समझा जाता है कि उससे काफी मजबूत है। ऐसे में विदेशी मुद्रा भंडार के एक हिस्से का इस्तेमाल सार्वजनिक निवेश के लिए करने का मामला बनता है। इससे वृद्धि को समर्थन मिलेगा।
GDP में होगी वृद्धि
ड्यूश बैंक के शोध नोट में कहा गया है कि यदि 15 अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार को सार्वजनिक निवेश के रूप में बुनियादी ढांचे में लगाया जाता है, तो इससे कुल मुद्रा भंडार सिर्फ 3.5 प्रतिशत घटेगा, लेकिन इससे सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) की वृद्धि दर 0.6 प्रतिशत बढ़ेगी। इससे निकट भविष्य में वृद्धि को समर्थन मिलेगा। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि यदि यह स्थानांतरण किया जाता है तो इससे भंडारण की पर्याप्तता की स्थिति में मामूली बदलाव ही होगा और यह निश्चित रूप से अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष द्वारा तय संतोषजनक स्तर से ऊपर रहेगा। रिपोर्ट कहती है कि निचली मुद्रास्फीति, वास्तविक दरों की सकारात्मक स्थिति, राजकोषीय मजबूती को लेकर प्रतिबद्धता तथा मजबूत बाहरी स्थिति के मद्देनजर इस तरह की व्यवस्था पर मौजूदा समय में गंभीर बहस की जरूरत है।