सोना खरीदने से पहले जरूर देखें हॉलमार्क सहित तीन अन्य निशान

Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Apr, 2018 03:39 PM

before buying gold definitely see three other marks including hallmark

अक्षय तृतीया पर अगर सोना खरीदने जा रहे हैं तो गहनों या बिस्कुट इत्यादि पर हॉलमार्क के निशान के साथ तीन अन्य निशान जरूर देखें।

चंडीगढ़ (साजन): अक्षय तृतीया पर अगर सोना खरीदने जा रहे हैं तो गहनों या बिस्कुट इत्यादि पर हॉलमार्क के निशान के साथ तीन अन्य निशान जरूर देखें। अगर सोने पर यह निशान नहीं हैं तो समझो सोने में खोट है और ज्वैलर आपके साथ हेराफेरी कर रहा है। 

 

भारतीय मानक ब्यूरो ने सोमवार को पत्रकार वार्ता के दौरान ग्राहकों को सचेत करने वाली कई जरूरी चीजों का ब्यौरा प्रस्तुत किया। सबसे पहले तो सोना खरीदते वक्त ग्राहकों को ज्वैलर से पक्का बिल जरूर लेना चाहिए। कच्चे बिल पर ज्वैलर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकती। 

 

ज्यादातर लोग सोना खरीदते वक्त ज्वैलर के झांसे में आ जाते हैं कि पक्का बिल लेने पर एक्सट्रा पैसे पड़ेंगे। लेकिन उसके झांसे में न आइए। पक्का ही बिल लें।बिल लेने के बाद अगर आप खरीदे गए गहनों या सोने को परखना चाहते हैं कि यह बी.आई.एस. के मानकों पर खरा है या नहीं तो वह भी आप कर सकते हैं। 

 

ज्वैलर आपको कह सकता है कि हॉलमार्क  सोना लेने पर ज्यादा पैसे पड़ेंगे, लेकिन यह जान लीजिए कि अगर आपने पांच गहने खरीदें हैं तो ज्वैलर आपसे इनके ऊपर हॉलमार्क जांचने के नाम पर 200 रुपए से ज्यादा चार्ज नहीं कर सकता। इसी तरह अगर गहने पांच से ज्यादा हैं तो प्रति गहना हॉलमार्क जांचने के 35 रुपए से ज्यादा चार्ज नहीं कर सकता। पक्का बिल लेने पर भी आपको सिर्फ 3 प्रतिशत ही अतिरिक्त राशि देनी पड़ेगी। 

 

चार चिन्ह जरूर पहचानें
ब्यूरो के उपमहानिदेशक अक्षय कुमार शर्मा ने बताया कि उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी से बचाने के लिए वर्ष 2000 में हॉलमार्क योजना आरंभ की थी। हॉलमार्क युक्त आभूषण 14, 18 एवं 22 कैरेट में ही उपलब्ध हैं। हॉलमार्क युक्त आभूषणों की पहचान करने के लिए उन पर चिन्हित चार चिन्ह ज्वैलर के पास उपलब्ध लैंस की सहायता से अवश्य देखने चाहिए। 

 

ये निशान हैं-मानक चिन्ह, सोने की मात्रा, परीक्षण केंद्र का निशान एवं आभूषण विक्रेता का निशान। यानि 22 कैरेट का सोना या गहना है तो उस पर साथ में 916 भी गुदा होगा। अगर 18 कैरेट का सोना है तो उसके साथ 750 अंकित होगा। अगर 14 कैरेट का सोना है तो उस पर 585 अंकित होगा। बी.आई.एस. का मोनोग्राम या लोगो भी गहनों या सोने पर अंकित होगा। ज्वैलर का खुद का लोगो भी गहनों पर लगा होना चाहिए। चौथा हॉलमार्क का निशान होना जरूरी है।

 

ज्वैलर से पूछ सकते हैं कि हॉलमार्क लाइसैंस दिखाएं
अक्षय शर्मा ने बताया कि बाकायदा ज्वैलर्स को ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंडर्ड की तरफ से लाइसैंस दिया गया है। ग्राहक ज्वैलर के पास जाकर हॉलमार्क रजिस्ट्रेशन दिखाने की डिमांड कर सकता है। इसके लिए बाकायदा ज्वैलर्स को लाइसैंस दिए गए हैं। सोना या गहने खरीदने के बाद भी ज्वैलर से अप्रूव रसीद लें। 

 

अगर हॉलमार्क सोना या गहने खरीदते हैं तो उसे ज्वैलर को वापस करने पर भी डेप्रीशिएशन कटने की संभावना पूरी तरह खत्म हो जाती है। 
ज्वैलर को हॉलमार्क रेट के हिसाब से ही गहने या सोना खरीदना होगा। अगर ज्वैलर ने हॉलमार्क  गहनों या सोने की बजाय दूसरा सोना या गहने दे दिए हैं तो रसीद होने पर ब्यूरो आफ  इंडियन स्टैंडर्ड में शिकायत कर सकते हैं। 
 

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