Edited By ,Updated: 22 Mar, 2017 01:25 PM

पारंपरिक ओपन हार्ट सर्जरी, जिसे आम तौर पर छाती की हड्डियों को खोलकर या काट कर किया जाता है।
मोहाली(नियामियां) : पारंपरिक ओपन हार्ट सर्जरी, जिसे आम तौर पर छाती की हड्डियों को खोलकर या काट कर किया जाता है। वहीं मिनीमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी (एम.आई.सी.एस.) में बायपास सर्जरी करना एक सुरक्षित प्रक्रिया है जिसमें दिल तक पहुंचने के लिए छाती के दाएं या बाएं तरफ 3-4 इंच का छोटा कट लगाया जाता है। इस कट को स्तन और छाती के ठीक नीचे लगाया जाता है और वहीं से रिब्स के बीच में से अंदर प्रवेश किया जाता है और वहां पर हड्डियों को काटने की जरूरत नहीं पड़ती है और उन्हें चौड़ा कर ही सर्जरी की जाती है।
मैक्स हॉस्पिटल, मोहाली में इस नई तकनीक की घोषणा करते हुए डॉ. वीरेंद्र सरवाल, सीनियर डायरैक्टर एवं हैड, कार्डियोथोरासिस एवं वस्कुर्लर सर्जरी, मैक्स हॉस्पिटल, मोहाली ने बताया कि हड्डियों में कोई कट नहीं लगता। मिनीमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी में कई अतिरिक्त लाभ मिलती हैं और इससे छाती के लिए तकलीफ काफी कम हो जाती है और वहां के महत्वपूर्ण टिश्यूज को भी कोई क्षति नहीं होती है। ओपन हार्ट सर्जरी की नई तकीक से मरीज को काफी लाभ होता है और वह 2-3 दिनों में ही अस्पताल से घर चला जाता है और पारंपरिक तकनीक में 6 से 8 सप्ताह की तुलना में सिर्फ 10 दिनों में ही काम पर जा सकता है।
संदीप डोगरा, सीनियर वी.पी. और जोनल हैड, मैक्स हॉस्पिटल्स, पंजाब ने कहा कि नई तकनीकों से ट्राईसिटी और आसपास के राज्यों के मरीजों को बहुत अधिक लाभ होगा। डॉ. सरवाल के साथ डॉ. लूसिया टोरोका, चीफ ऑफ काॢडक सर्जरी डिपार्टमैंट, ओसपेडिली रियूनिटी, एनकोना, इटली ने मैक्स हॉस्पिटल, मोहाली में इस नई तकनीक से लाइव सर्जरी की।
डॉ. सरवाल ने कहा कि इस नई मिनीमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी तकनीक में रक्त बेहद कम निकलता है, इसलिए अलग से रक्त देने की जरूरत नहीं रहता है और सबसे महत्वपूर्ण रक्त से होने वाले संक्रमण को जोखिम समाप्त हो जाता है। संक्रमण कम होने से, फिर चाहे घाव में संक्रमण या सर्जरी के बाद फेफड़ों में संक्रमण, दोनों से सुरक्षा मिलती है। डॉ. लूसिया ने कहा कि मिनीमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी डायबिटीज के मरीजों और बुजुर्गों के लिए आदर्श है जो कि इन संक्रमणों से सर्वाधिक प्रभावित होते हैं। महिलाओं के लिए ये प्रक्रिया बेहद उपयोगी है।