Edited By PTI News Agency,Updated: 30 Jul, 2021 10:35 PM

रायपुर, 30 जुलाई (भाषा) छत्तीसगढ़ विधानसभा में शुक्रवार को सदन ने ''छत्तीसगढ़ विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक, 2021'' को प्रस्तुत करने की अनुमति नहीं दी। विधानसभा में शुक्रवार को मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के सदस्य और...
रायपुर, 30 जुलाई (भाषा) छत्तीसगढ़ विधानसभा में शुक्रवार को सदन ने 'छत्तीसगढ़ विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक, 2021' को प्रस्तुत करने की अनुमति नहीं दी। विधानसभा में शुक्रवार को मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के सदस्य और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने इस को प्रस्तुत करने का प्रस्ताव किया।
अग्रवाल ने इस दौरान कहा कि इस विधेयक को लाने की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि पूरे देश में जो हमारी नौजवान बच्चियां हैं, उनको बहला-फुसलाकर उनके साथ शादी की जाती है। शादी करने के बाद में उनका धर्म परिवर्तन कराया जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि धर्म परिवर्तन कराने के बाद उन्हें तलाक दे दिया जाता है। इससे बच्चियां और पूरा परिवार बर्बाद होता है। उन्होंने कहा कि इससे एक समाज से दूसरे समाज में झगड़े पैदा होते हैं और इसके कारण कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा होती है।
अग्रवाल ने कहा, '' इस प्रकार का विधेयक पारित हो जाएगा तब भविष्य में हमारी बच्चियों का भविष्य सुरक्षित कर पाएंगे। उनके जीवन को सुरक्षित कर पाएंगे। इसलिए मैं चाहता है कि यह जो विधेयक लाया गया है उसे प्रस्तुत करने की अनुमति दें।''
जब अग्रवाल ने इस विधेयक को प्रस्तुत करने की अनुमति मांगी, तब सदन ने बहुमत के आधार पर ध्वनिमत से इसकी अनुमति नहीं दी। बाद में विधायक अग्रवाल ने मत विभाजन की मांग की। विधायक अग्रवाल की मांग पर सदन में विधेयक को प्रस्तुत करने की अनुमति के लिए मत विभाजन कराया गया। तब विधेयक को प्रस्तुत करने पक्ष में 13 मत प्राप्त हुए तथा विरोध में 54 मत प्राप्त हुए। मतों के आधार पर प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया गया।
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