कुंडली में है मंगल, शनि या केतु दोष तो करें नीम के पेड़ से जुड़े ये खास उपाय

Edited By Updated: 13 Jul, 2021 12:46 PM

according to jyotish and vastu benefits neem tree puja

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवग्रह में से सबसे क्रूर ग्रह मंगल को माना गया है। जिसे दक्षिण दिशा का स्वामी भी कहा जाता है। इसलिए कहा जाता है अगर किसी व्यक्ति के घर या दुकान में इस दिशा में

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवग्रह में से सबसे क्रूर ग्रह मंगल को माना गया है। जिसे दक्षिण दिशा का स्वामी भी कहा जाता है। इसलिए कहा जाता है अगर किसी व्यक्ति के घर या दुकान में इस दिशा में किसी प्रकार का दोष पैदा हो जाए तो उसका अर्थात यह होता है कि उस व्यक्ति की कुंडली में मंगल की दशा ठीक नहीं है पूर्णिया ऐसे में इस दिशा को शुभ रखना अति आवश्यक होता है। परंतु इस दिशा को शुभ कैसे रखा जाए इस बारे में लोगों को जानकारी नहीं है तो बता दें कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार  नीम का पेड़ मंगल की स्थिति को तय करता है। इसलिए कहा जाता है कि इस दिशा में नीम का एक बड़ा सा वृक्ष लगा होना चाहिए। कहा जाता है कि अगर दक्षिण मुखी मकान के समक्ष मुख्य द्वार से दुगनी दूरी पर नीम का हरा-भरा वृक्ष स्थित हो या फिर मकान से 2 गुना बड़ा कोई दूसरा मकान हो तो दक्षिण दिशा का असर कुछ हद तक समाप्त हो जाता है ऐसे में व्यक्ति को क्या करना चाहिए।

आइए जानते हैं कि नीम के पेड़ के अन्य और क्या फायदे होते हैं-

ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार  मंगलवार के दिन नीम के पेड़ की पूजा के साथ-साथ शाम को इस पर जल चढ़ाना चाहिए और चमेली के तेल का दीपक प्रज्वलित करना चाहिए। ऐसा लगातार कम से कम 11 मंगलवार तक करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा अगर घर के आसपास कहीं नीम का पेड़ लगा हो तो वह नित्य हनुमान जी का ध्यान करते हुए जल अर्पित करना चाहिए।

कहा जाता है कि जो व्यक्ति अधिक से अधिक नीम के पेड़ की पूजा करता है उसके जीवन में कभी भी अमंगल नहीं होता और उसकी कुंडली में समाप्त तमाम मंगल दोष दूर हो जाते हैं।

इसके अतिरिक्त बताया गया है कि कुछ मान्यताओं के अनुसार नीम का भी शनिदेव से संबंध है और इसे कि तू के साथ भी जोड़ा जाता है। इसलिए इन दोनों ही ग्रहों की श्रद्धा पाने के लिए व्यक्ति को उचित दिशा में इसका पेड़ लगाना चाहिए।

नीम की लकड़ी से हवन करना चाहिए, से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है। तुरई इसके पत्तों को जल में डालकर उस पानी से स्नान करके व्यक्ति अपनी कुंडली में केतु से जुड़े दूर दूर कर सकता है।

नीम की लकड़ी की माला धारण करने से भी शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है। साथ ही साथ नीम की पूजा करने और इसकी दातुन करने से भी शनि से जुड़े दोष कुंडली में समाप्त होते हैं।

ज्योतिषी बताते हैं कि जिस व्यक्ति का जन्म उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में होता है या उसकी राशि मकर या कुंभ होती है तो उसके लिए नीम का पेड़ लगाना बहुत ही फलदायक होता है।
 

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