Tripur Bhairavi Jayanti 2025: त्रिपुर भैरवी जयंती पर नकारात्मक शक्तियों से बचाव के लिए अपनाएं ये खास 4 उपाय

Edited By Updated: 03 Dec, 2025 10:49 AM

tripur bhairavi jayanti 2025

Tripur Bhairavi Jayanti 2025: हर साल मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को त्रिपुर भैरवी जयंती मनाई जाती है। यह पर्व शक्ति उपासना और तंत्र साधना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। त्रिपुर भैरवी, दस महाविद्याओं में छठी हैं और इन्हें...

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Tripur Bhairavi Jayanti 2025: हर साल मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को त्रिपुर भैरवी जयंती मनाई जाती है। यह पर्व शक्ति उपासना और तंत्र साधना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। त्रिपुर भैरवी, दस महाविद्याओं में छठी हैं और इन्हें विनाश तथा सृजन दोनों की देवी कहा जाता है। इनकी पूजा से भय, शत्रु बाधा और जीवन के समस्त बंधनों से मुक्ति मिलती है। साल 2025 में त्रिपुर भैरवी जयंती 4 दिसंबर, गुरुवार को मनाई जाएगी।  इस शुभ अवसर पर, मां त्रिपुर भैरवी की विधि-विधान से पूजा और कुछ विशेष उपाय करने से जीवन की सभी नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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Powerful Remedies for Tripura Bhairavi Jayanti त्रिपुर भैरवी जयंती के शक्तिशाली उपाय

माता के विशिष्ट मंत्र का जाप
मां त्रिपुर भैरवी को प्रसन्न करने और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति पाने के लिए उनके मूल मंत्र का जाप अत्यंत प्रभावी माना जाता है। इस दिन स्नानादि के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर, मां की प्रतिमा या चित्र के सामने लाल आसन पर बैठकर रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जाप करें।

उपाय: ह्रीं भैरवी क्लीं इस मंत्र का कम से क 108 बार जाप करें। जाप के समय आपका ध्यान पूरी तरह से देवी के चरणों में होना चाहिए।

लाल रंग की वस्तुओं का अर्पण
मां त्रिपुर भैरवी को लाल रंग अत्यंत प्रिय है। उन्हें लाल वस्त्र और श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करना शुभ माना जाता है।

पूजा के दौरान देवी मां को लाल वस्त्र, लाल चूड़ियां, लाल सिंदूर, लाल चुनरी और लाल फूल अर्पित करें। साथ ही, उन्हें फल और मिठाई का भोग लगाएं। लाल वस्तुओं के अर्पण से मां शीघ्र प्रसन्न होती हैं और साधक को जीवन में सफलता, सौभाग्य तथा शारीरिक सुख प्रदान करती हैं। यह उपाय बुरी नज़र और ऊपरी बाधाओं को समाप्त करने में सहायक है।

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दीपक और गुग्गुल का प्रयोग
अग्नि तत्व की देवी होने के कारण, माता के समक्ष दीपक जलाना और सुगंधित धूप अर्पित करना बहुत फलदायी होता है। पूजा स्थल पर मां त्रिपुर भैरवी के सामने सरसों के तेल का दीपक या शुद्ध घी का दीपक जलाएं। साथ ही, गुग्गुल की धूप जलाकर पूरे घर में धूनी दें।

लाभ: दीपक की लौ और गुग्गुल का धुआं घर के वातावरण को शुद्ध करता है। यह किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा, भय और अज्ञात बाधा को तुरंत समाप्त करता है, जिससे घर में सुख-शांति आती है।

भैरवी यंत्र की स्थापना और पूजा विधि 
त्रिपुर भैरवी जयंती के पावन अवसर पर घर में भैरवी यंत्र स्थापित करना बेहद शुभ माना जाता है। इसे पूजा स्थान पर रखने के बाद सबसे पहले गंगाजल से यंत्र का शुद्धिकरण करें। शुद्धिकरण के बाद यंत्र के सामने बैठकर ‘ॐ ह्रीं भैरवी कलौं नित्य तृप्तिं देहि नमोस्तुते’ मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। माना जाता है कि इससे भैरवी यंत्र सक्रिय होकर देवी की दिव्य ऊर्जा फैलाता है, जो घर को नकारात्मक शक्तियों, बुरी नजर और टोने-टोटके से सुरक्षित रखती है। इस उपाय से घर के वातावरण में शांति, सकारात्मकता और सौभाग्य का संचार होता है।

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