Aghori mahadev story: शिव भक्त क्यों निवास करते हैं श्मशान में आईए जानें

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 12 Jul, 2023 09:06 AM

aghori mahadev story

प्रत्येक युग में भगवान शिव की भक्ति हुई है और जब तक दुनिया कायम है, शिव की महिमा गाई जाती रहेगी। विभिन्न धार्मिक ग्रंथों में भगवान शिव की महत्ता

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Shiva and Daksha Story: प्रत्येक युग में भगवान शिव की भक्ति हुई है और जब तक दुनिया कायम है, शिव की महिमा गाई जाती रहेगी। विभिन्न धार्मिक ग्रंथों में भगवान शिव की महत्ता बताई गई है। भगवान शिव पंच देवों में सूर्य, गणेश, गौरी, विष्णु और शिव के प्रधान देव हैं। शिव पुराण कथा के अनुसार शिव ही ऐसे भगवान हैं, जो शीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्तों को मनचाहा वर दे देते हैं। क्या आप जानते हैं, सभी पर अनुकम्पा करने वाले भगवान शिव का अपने ससुर से मतभेद कैसे उत्पन्न हुआ ? और उनके भक्त क्यों निवास करते हैं श्मशान में ? आईए जानें, इस पौराणिक कथा के द्वारा-  

PunjabKesari Shiva and Daksha Story

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें

भगवान शिव के ससुर प्रजापति दक्ष किसी विशेष सभा में गए। उनको वहां आया देखकर सभी सभासद उनके आदर में खड़े हो गए परंतु ब्रह्मा जी और भगवान शिव अपने स्थान पर बैठे रहे। दक्ष ने सोचा," ब्रह्मा जी तो मेरे पिता हैं इसलिए वह मेरे आदर में खड़े नहीं हुए मगर इस शिव को तो मैंने अपनी कन्या दी है। इस नाते तो इसका मुझे प्रणाम करना बनता था।"

PunjabKesari Shiva and Daksha Story

दक्ष को बड़ा क्रोध आया, उसने अंजलि में जल लेकर इस प्रकार से भगवान शिव को श्राप दिया,"आज से यह शिव यज्ञ का भागी नहीं होगा।"

श्राप देकर दक्ष अपने घर को जाने को हुआ तो उस समय उपस्थित सभासदों ने उसे रोकने का प्रयत्न भी किया परंतु दक्ष पर कोई प्रभाव न पड़ा और वह अपने घर को चला गया। फिर भी भगवान शिव मौन बैठे रहे।

नंदी को बहुत क्रोध आया और वह बोला," यहां उपस्थित सभासदों दक्ष तथा उसके वचनों को सुनने वालों को श्राप देता हूं की इस दुष्ट ने महादेव को साधारण मनुष्य समझ कर श्राप दिया है। इस कारण वह ज्ञानी और तत्व विमुख होकर स्त्री की कामना करने वाला कामी हो और देहाभिमानी हो पशु के समान बकरे के समान देह वाला होगा। जिन ब्राह्मणों ने अभिमान के कारण अनुमोदन किया है। वह विद्वान तथा ज्ञानी होने पर भी बुढ़ापे में ज्ञान रहित हों और दरिद्री होकर अपने ज्ञान को धन की कामना से बेचने वाले हों। यह सब भूख बुझाने के लिए सब वर्णों का अन्न भक्षण करने वाले घर में भिक्षा मांगने वाले हों।"

जब नंदी ने दक्ष के साथ-साथ सभी ब्राह्मणों को जब इस प्रकार श्राप दे दिया तो भृगु ज्ञषि को बहुत क्रोध आया। उन्होंने सभी शिव भक्तों को श्राप देते हुए कहा," जो कोई शिव जी का व्रत तथा उनका पूजन करेंगे। वे सभी धर्म के प्रतिपादक, वेद शास्त्रों से विपरीत चलने वाले पाखंडी हो जाएं। वे भ्रष्टाचारी होकर जटा धारण कर भस्म देह में मलकर शिव दीक्षा में प्रवेश करेंगे। वे लोग मदिरा, मांस भक्षण करेंगे और कानों को फाड़कर मुद्रा पहनेंगे। जहां-तहां श्मशान में निवास करेंगे।"

PunjabKesari Shiva and Daksha Story

भगवान शिव के पांच रूपों में से एक रूप अघोर रूप है। अघोरियों को इस पृथ्वी पर भगवान शिव का जीवित रूप भी माना जाता है। अघोरी आम दुनिया से कटे हुए होते हैं। वे अपने आप में मस्त रहने वाले, अधिकांश समय दिन में सोने और रात को श्मशान में साधना करने वाले होते हैं। अघोरपंथ में श्मशान साधना का विशेष महत्व है। इसलिए वे श्मशान में रहना ही ज्यादा पसंद करते हैं। श्मशान में साधना करना शीघ्र ही फलदायक होता है। अघोरियों की साधना में इतना बल होता है कि वो मुर्दे से भी बात कर सकते हैं।

PunjabKesari kundli

 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!