Edited By Jyoti,Updated: 29 May, 2019 03:53 PM
वैसे तो हिंदू धर्म में बहुत सी तिथियों के बारे में बताया गया है जो शुभ कहलाती हैं। इन्हीं में से सबसे सर्वश्रेष्ठ तिथि है एकादशी। अपरा एकादशी: भूलकर भी न करें ये काम, वरना...
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वैसे तो हिंदू धर्म में बहुत सी तिथियों के बारे में बताया गया है जो शुभ कहलाती हैं। इन्हीं में से सबसे सर्वश्रेष्ठ तिथि है एकादशी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन व्रत उपवास रखकर जप-तप, यज्ञ, दान और सेवा आदि के पुण्य कार्य करना बहुत ही लाभकारी होता है। तो वहीं धर्म शास्त्रों में एकादशी तिथि के दिन के ऐसे 11 ऐसे काम बताए गए हैं, जिन्हें भूलकर भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आपके बनने वाले कार्यों में भी बाधाएं आ सकती हैं। जानें, अपरा एकादशी के दिन किन कामों को करने से बचकर रहे।
जुआ खेलना- जो व्यक्ति जुआ खेलता है, उसका परिवार व कुटुंब भी नष्ट हो जाता है। जिस स्थान पर जुआ खेला जाता है, वहां अधर्म का राज़ होता है। इसलिए सिर्फ ग्यारस को ही नहीं बल्कि कभी भी जुआ नहीं खेलना चाहिए।
रात में सोना- कहा जाता है कि एकादशी तिथि की रात को शयन नहीं चाहिए, पूरी रात जागकर भगवान विष्णु की भक्ति, मंत्र जप और भजन करना चाहिए।
पान खाना- इस दिन पान खाना भी वर्जित माना जाता है, कहा जाता है इसे खाने से व्यक्ति के मन में रजोगुण की प्रवृत्ति बढ़ती है।
दातून करना- इस दिन दातून (मंजन) करने की भी मनाही है ।
बुराई करना- कहा जाता है इस दिन दूसरों की बुराई करने से मन में दूसरों के प्रति कटु भाव आते हैं।
चुगली करना- एकादशी तिथि को चुगली करने से मान-सम्मान में कमी आती है। कई बार अपमान का सामना भी करना पड़ सकता है।
चोरी करना- इस तिथि को चोरी करने वाला व्यक्ति परिवार व समाज में घृणा की नज़रों से देखा जाता है। इसलिए एकादशी तिथि को चोरी जैसा पाप कर्म नहीं करना चाहिए।
हिंसा करना- इस पावन दिन हिंसा करना महापाप माना गया है। हिंसा केवल शरीर से ही नहीं मन से भी होती है। इससे मन में विकार आता है। इसलिए शरीर या मन किसी भी प्रकार की हिंसा इस दिन नहीं करनी चाहिए।
स्त्रीसंग- एकादशी पर स्त्रीसंग करना भी वर्जित है क्योंकि इससे भी मन में विकार उत्पन्न होता है और ध्यान भगवान भक्ति में नहीं लगता । अतः ग्यारस के दिन स्त्रीसंग नहीं करना चाहिए।क्रोध- इस दिन क्रोध भी नहीं करना चाहिए, क्रोध को मानसिक हिंसा कहा गया है।
झूठ बोलना- झूठ बोलना व्यक्तिगत बुराई है। जो लोग झूठ बोलते है, उन्हें समाज व परिवार में उचित मान सम्मान नहीं मिलता, इसलिए सिर्फ एकादशी पर ही नहीं अन्य दिनों में भी झूठ नहीं बोलना चाहिए।