Dasa Mahavidyas: ऐश्वर्य तथा भोग प्राप्त करने के लिए आज करें 10 महाविद्याओं की आराधना

Edited By Updated: 24 Oct, 2023 07:04 AM

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शास्त्रों में मां भगवती के अनेकों रूप बताए गए हैं। नवदुर्गा और दस महाविद्या भी इन्हीं के महाशक्तिशाली स्वरूप हैं। जिनकी आराधना भक्त

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Dasa Mahavidyas: शास्त्रों में मां भगवती के अनेकों रूप बताए गए हैं। नवदुर्गा और दस महाविद्या भी इन्हीं के महाशक्तिशाली स्वरूप हैं। जिनकी आराधना भक्त अपने विशेष उद्देश्यों की पूर्ति के लिए करते हैं। यदि नवरात्रि के दौरान, विजयादशमी, होली, दीवाली अथवा ग्रहण पर इनकी साधनाएं की जाएं तो निश्चित रूप से फलित होती हैं। विशेष कर दस महाविद्याओं की आराधना तो गुरु से आज्ञा लेकर ही की जाती है। जानिए दस महाविद्याओं के स्वरूप तथा उनकी आराधना से होने वाले लाभ के बारे में

मां काली
दस महाविद्या में प्रथम मां काली अत्यन्त ही रौद्र तथा भयावह स्वरूप वाली हैं। यद्यपि इनका यह स्वरूप मात्र दुष्टों के लिए ही कष्टदायी है। प्रसन्न होने पर ये अपने भक्तों को हर कष्ट से ऊबार देती हैं। इनके स्मरण मात्र से ही समस्त पैशाचिक शक्तियां अदृश्य हो जाती हैं। इनकी कृपा से समस्त प्रकार की सिद्धियां, ऐश्वर्य तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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मां तारा
मां काली का ही दूसरा स्वरूप तथा दूसरी महाविद्या मां तारा को नीलतारा, नीलसरस्वती या एकजटा भी कहा जाता है। इनकी भक्ति करने वाला जगत से तर जाता है, यही कारण है कि उन्हें तारा कहा गया है। यह समस्त विद्याओं की दाता हैं। इनका स्वरूप भी अत्यन्त प्रचंड रौद्र है।

मां त्रिपुरसुंदरी
मां का यह स्वरूप अत्यन्त सौम्य तथा शांत है। इन्हें शास्त्रों में ललिता और राजराजेश्वरी भी कहा गया है। इनकी साधना भी सात्विक ही होती है। मां त्रिपुर सुंदरी जिस पर भी प्रसन्न हो जाएं, उसके वारे-न्यारे हो जाते हैं व उनके जीवन में कभी कोई कमी नहीं रहती।

मां भुवनेश्वरी
इनका स्वरूप साक्षात सूर्य के समान प्रचंड तेजस्वी और शक्तिशाली है। इनका भक्त सूर्य के समान तेजस्वी होता है। उसकी इच्छा मात्र से ही ब्रह्मांड की शक्तियां काम करने लगती हैं। मां त्रिपुरसुंदरी के भक्त तीनों लोकों तथा पूरे ब्रह्मांड पर विजय पाने की क्षमता रखते हैं।

मां छिन्नमस्ता
समस्त दस महाविद्याओं में छिन्नमस्ता को सर्वाधिक उग्र रूप माना गया है। इनकी आराधना भी श्मशान में ही का जाती है। इनकी आराधना से अष्ट सिद्धियां तथा नवनिधियां प्राप्त होती हैं। जो कोई भी इनकी शरण लेता है, उसे जीवन में कभी कोई कष्ट छू भी नहीं सकता है।

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मां भैरवी
इन्हें मां महाकाल की ही अर्द्धांगिनी माना गया है। इनकी भक्ति से भक्तों के सभी बंधन कट जाते हैं, दुर्भाग्य का नाश होकर साक्षात लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इनकी प्रसन्नता मात्र से ही भक्तों को समस्त सिद्धियां प्राप्त होती हैं।

मां धूमावती
इनकी आराधना श्मशान में की जाती है। इनका आह्वान किसी महान संकट से निकलने के लिए ही किया जाता है। ये जहां भी विराजमान होती हैं, समस्त दुष्ट शक्तियां तुरंत ही वहां से भाग जाती हैं। यद्यपि इनकी पूजा कभी भी घर में नहीं की जाती है।

मां बगलामुखी
इनकी आराधना प्रबल से प्रबल शत्रुओं का भी नाश कर देती है। जिस पर भी मां बगलामुखी प्रसन्न होती हैं, उस व्यक्ति का जीवन में कभी कोई शत्रु हो ही नहीं सकता। उसके मन की सभी इच्छाएं बिना कहे ही अपने आप पूर्ण होने लगती हैं।

मां मातंगी
मां मातंगी की आराधना से गृहस्थ जीवन का सुख प्राप्त होता है। भयंकर से भयंकर दुर्भाग्य भी इनकी कृपा से नष्ट होता है और भक्तों को हर प्रकार के सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

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मां कमला
मां कमला का स्वरूप भी अत्यधिक सौम्य है। इनकी भक्ति तथा साधनाएं घर पर की जा सकती है। इनके आशीर्वाद से राजा के समान ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। इनकी कृपा से साक्षात लक्ष्मी भक्त के घर में विराजमान हो जाती हैं।

आचार्य हिमानी शास्त्री
ज्योतिष एवं वैदिक देवस्थापति
dr.himanij@gmail.com

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