Edited By Sarita Thapa,Updated: 07 Dec, 2025 08:39 AM

संकष्टी चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश को समर्पित है और इसे हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। यह दिन विघ्नहर्ता गणेश जी की कृपा पाने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है।
Akhurath Sankashti Chaturthi 2025: संकष्टी चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश को समर्पित है और इसे हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। यह दिन विघ्नहर्ता गणेश जी की कृपा पाने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। हिंदू धर्अम में अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और विधि-विधान से पूजा करके भगवान गणेश को उनका प्रिय भोग लगाने से वे प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सभी संकट हर लेते हैं। साथ ही घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। तो आइए जानते हैं कि अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को कौन-कौन से प्रिय भोग अर्पित करने चाहिए।
भगवान गणेश के प्रिय भोग
मोदक
मोदक भगवान गणेश का सबसे प्रिय भोग माना जाता है। इसे मिठाई का राजा भी कहा जाता है जब यह गणेश जी को चढ़ता है। आप चाहें तो नारियल और गुड़ से बने पारंपरिक उकडीचे मोदक या बेसन, मावे के मोदक बनाकर अर्पित कर सकते हैं। मोदक अर्पित करने से आपकी इच्छाएं शीघ्र पूर्ण होती हैं।
लड्डू
मोदक के बाद, लड्डू गणेश जी को बहुत प्रिय हैं। बेसन के लड्डू या मोतीचूर के लड्डू विशेष रूप से अर्पित किए जाते हैं। लड्डू अर्पित करने से सौभाग्य और धन लाभ मिलता है।

दूर्वा और गन्ना
यद्यपि ये भोग नहीं हैं, दूर्वा घास और गन्ना पूजा में अत्यंत आवश्यक है। दूर्वा की 21 गांठें अर्पित करने से सभी कष्ट दूर होते हैं। इन चीज़ों को अर्पित करने से आपके घर में हरियाली और बरकत बनी रहती है।
केले
गणेश जी की पूजा में केला या केले का फल हमेशा चढ़ाया जाता है। यह शुभ फल माना जाता है। यह भोग लगाने से परिवार में खुशी और एकता बनी रहती है।
गुड़ और घी
शुद्ध घी और गुड़ मिलाकर भोग लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह भोग आपके स्वास्थ्य और भौतिक सुखों में वृद्धि करता है।
