राष्ट्रपति ने कहा, शिक्षा का उद्देश्य छात्रों में संस्कृति, परम्परा व सभ्यता के प्रति जागरूकता लाना भी

Edited By Prachi Sharma,Updated: 07 May, 2024 06:55 AM

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हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के 7वें दीक्षांत समारोह में भाग लेने पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने छात्रों से कहा कि हर व्यक्ति में अच्छाई और बुराई दोनों की क्षमता होती है। उन्होंने

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धर्मशाला (जिनेश): हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के 7वें दीक्षांत समारोह में भाग लेने पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने छात्रों से कहा कि हर व्यक्ति में अच्छाई और बुराई दोनों की क्षमता होती है। उन्होंने उन्हें यह ध्यान रखने की सलाह दी कि चाहे वे कितनी भी कठिन परिस्थिति में क्यों न हों, उन्हें कभी भी बुराई को अपने ऊपर हावी नहीं होने देना चाहिए। सदैव अच्छाई का पक्ष लेना चाहिए। 

उन्होंने करुणा, कर्त्तव्यनिष्ठा और संवेदनशीलता जैसे मानवीय मूल्यों को अपना आदर्श बनाने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो छात्रों को शिक्षित करने के साथ-साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाए और उनके चरित्र और व्यक्तित्व का निर्माण करे। शिक्षा का उद्देश्य छात्रों में अपनी संस्कृति, परम्परा और सभ्यता के प्रति जागरूकता लाना भी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस संबंध में शिक्षकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। उनका कार्यक्षेत्र केवल शिक्षण तक ही सीमित नहीं है, उन पर देश के भविष्य के निर्माण की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। 

उन्होंने कहा कि हमें छात्रों में सीखने की जिज्ञासा और इच्छा को मजबूत कर उन्हें 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करना होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है, लेकिन अतीत में बदलाव की गति इतनी तेज नहीं थी। राष्ट्रपति ने कहा कि आज हम चौथी औद्योगिक क्रांति के युग में हैं। आर्टिफिशियल इंटैलीजैंस, मशीन लर्निंग जैसे नए क्षेत्र तेजी से उभर रहे हैं।   

उन्होंने कहा कि 21वीं सदी की शुरूआत में कोई नहीं जानता था कि अगले 20 या 25 वर्षों में लोगों को किस तरह के कौशल की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें लगातार नए कौशल अपनाने होंगे।

उन्होंने कहा कि उन्हें बड़ी खुशी है कि उनके द्वारा दिए गए गोल्ड मैडलों में छात्रों से ज्यादा छात्राओं की संख्या अधिक है। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति बाधाओं को पार कर आज इस मुकाम तक पहंची है। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को केंद्रीय विश्वविद्यालय की ओर से डाक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय के 15 बच्चों को गोल्ड मैडल देकर सम्मानित किया।

चामुंडा मंदिर में की पूजा-अर्चना
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह में शिरकत करने से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने श्री चामुंडा नंदीकेश्वर धाम में माथा टेका। मुख्य पुजारी ओम व्यास ने पूजा-अर्चना करवाकर उन्हें आशीर्वाद स्वरूप मां की चुनरी भेंट की और रक्षा कवच के रूप में मौली बांधी। जिलाधीश ने मंदिर में चल रहे विकास कार्य के बारे में जानकारी दी। राष्ट्रपति ने शिवालय में भी माथा टेका। शिव मंदिर के पुजारी बॉबी गोस्वामी ने भी विधि-विधान से पूजा-अर्चना करवाई और राष्ट्रपति ने शिव मंदिर की गुफा के इतिहास के बारे में जानकारी हासिल की। मुर्मू लगभग 45 मिनट तक चामुंडा मंदिर में रहीं।

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