Edited By ,Updated: 30 Oct, 2016 12:30 PM
दीपावली संस्कृत भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है ‘दीप+अवली ‘दीपों की पंक्तियां। यह विजय, हर्ष और ज्ञान का त्यौहार है जिस प्रकार दीपक की रोशनी अंधेरे को दूर करती है उसी प्रकार ज्ञान की
दीपावली संस्कृत भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है ‘दीप+अवली ‘दीपों की पंक्तियां। यह विजय, हर्ष और ज्ञान का त्यौहार है जिस प्रकार दीपक की रोशनी अंधेरे को दूर करती है उसी प्रकार ज्ञान की रोशनी भी अज्ञानता के अंधेरे को दूर कर देती है। यह अंधेरा चाहे दरिद्रता का हो या अज्ञानता का।
दीप उत्सव अर्थात ज्ञान, आनंद, खुशी, प्रकाश, उल्लास का पर्व। अंधेरे से उजाले की ओर जाने का नाम ही दीपावली है। कार्तिक मास की अमावस्या को लगभग पूरा देश दीपमालाओं से जगमगा उठता है। इस दिन लक्ष्मी पूजन कर मां आद्यशक्ति का आह्वान किया जाता है। दीपावली का दिन एक स्वयं सिद्ध मुहूर्त है।
रविवार के दिन चित्रा / स्वाति नक्षत्र, प्रीति योग व तुला राशि में दीवाली पडऩे और बुध-आदित्य योग होने के कारण व्यापार में काफी वृद्धि होगी। व्यापारियों के लिए पूरा साल शुभ एवं लाभकारी रहेगा।
इस बार लक्ष्मी पूजन से सभी को धन, वैभव, संपत्ति एवं शिक्षा की दृष्टि से विशेष लाभ प्राप्त होगा। खाद्य सामग्री, धातुओं, वाहनों आदि के व्यापारियों को बहुत लाभ होगा।
दूसरी ओर दीवाली पर पूर्ण कालसर्प दोष व्याप्त होने और सूर्य का नीच राशि तुला तथा राहू का सूर्य की पंचम राशि में होने से एक तरह से दीवाली को ग्रहण ग्रस्त कहा जा सकता है जो देश की सुरक्षा के लिए अच्छा संकेत नहीं है।