Edited By Niyati Bhandari,Updated: 29 Mar, 2024 08:44 AM
पवित्र बाइबल में असंख्य बलिदानों का उल्लेख है, जिनमें पैगम्बरों, यूहन्ना, बपतिस्मा देने वाले, विशेष रूप से यीशु मसीह के शिष्यों के बलिदान शामिल हैं लेकिन प्रभु यीशु मसीह, जो परमेश्वर का शुभ समाचार देने के लिए
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Good Friday 2024: पवित्र बाइबल में असंख्य बलिदानों का उल्लेख है, जिनमें पैगम्बरों, यूहन्ना, बपतिस्मा देने वाले, विशेष रूप से यीशु मसीह के शिष्यों के बलिदान शामिल हैं लेकिन प्रभु यीशु मसीह, जो परमेश्वर का शुभ समाचार देने के लिए पृथ्वी पर आए, का महान बलिदान मसीही विश्वासियों द्वारा सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
प्रभु यीशु मसीह के पृथ्वी पर आने, क्रूस पर मृत्यु और तीसरे दिन पुन: जी उठने तथा जीवित स्वर्ग में उठाए जाने के बारे में, हजारों साल पहले नबियों, भविष्यवक्ताओं ने पवित्र आत्मा के मार्गदर्शन में भविष्यवाणी की थी। ये भविष्यवाणियां पवित्र बाइबल के पुराने नियम, जो प्रभु यीशु मसीह के जन्म से हजारों साल पहले लिखा गया था, में दर्ज हैं।
Lord Jesus Christ was from the beginning प्रभु यीशु मसीह आदि से थे
पवित्र बाइबल के अनुसार प्रभु यीशु मसीह आदि से ही थे और अब भी हैं। जब प्रभु यीशु मसीह का जन्म हुआ तो उस समय यूहन्ना नबी ने ‘शब्द’ को स्पष्ट करते हुए कहा, ‘और शब्द देहधारी हुआ तथा अनुग्रह व सच्चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में वास किया और हमने उसकी महिमा को पिता के इकलौते की महिमा के समान देखा (यूहन्ना 1 : 14)।’
अर्थात ईश्वर स्वयं मनुष्य के रूप में पृथ्वी पर आए, जिन्हें पृथ्वी पर यीशु नाम दिया गया। प्रभु यीशु मसीह संसार में नम्र, दीन और सेवक बन कर रहे, इसका प्रमाण उन्होंने अपने शिष्यों के पैर धोकर दिया और उन्होंने अपने सताने वालों के लिए प्रार्थना भी की। वह धरती पर किसी धर्म की स्थापना करने के लिए नहीं बल्कि अपने वचनों के माध्यम से पापी दिलों को बदलने के लिए आए थे। उन्होंने लोगों को सचेत किया कि ‘तौबा करो क्योंकि परमेश्वर का राज्य निकट है।’
लेकिन उस समय के धार्मिक गुरुओं, फक्की फरीसियों और महाजाजक समझ नहीं पाए। उन्हें प्रभु यीशु मसीह की शिक्षाएं, अचम्भित कार्य पसंद नहीं आए जिसके कारण उन्होंने व्यवस्था के विरुद्ध जाकर प्रभु यीशु मसीह को सूली पर चढ़ा दिया। प्रभु यीशु मसीह ने बहुत भारी क्रूस को कंधों पर उठाया। उन्हें असहनीय यातनाएं दी गईं, शरीर पर अनगिनत कोड़े बरसाए गए, हाथों और पैरों में कीलें ठोंकी गईं, सिर पर कांटों का ताज रखा गया, पसलियों में भाले चुभोए गए, उनका मजाक उड़ाया गया। उन्होंने सब चुपचाप सहन किया और अत्याचारियों के लिए प्रार्थना की कि ‘हे पिता! उन्हें क्षमा करें क्योंकि वे नहीं जानते कि वे क्या कर रहे हैं।’
Victory over sin पाप पर विजय
संसार के लोगों के पापों से भड़के अपने क्रोध से लोगों को बचाने के लिए परमेश्वर ने पापों का सारा बोझ यीशु पर डाल दिया जिन्होंने अपने बलिदान के माध्यम से परमेश्वर के क्रोध का प्याला पी लिया। प्रभु यीशु मसीह ने अपना बहुमूल्य बलिदान देकर संसार के लिए पापों से मुक्ति का मार्ग खोल दिया।
Victory over death मृत्यु पर विजय
प्रभु यीशु मसीह तीसरे दिन पुनर्जीवित हो गए और 40 दिन तक धरती पर रहे। इस दौरान वह कई महिलाओं, शिष्यों और कई लोगों को दिखाई दिए और कई शिष्यों के साथ भोजन भी किया। 40 दिनों के बाद, हजारों लोगों के सामने यह बता कर कि वह फिर से आएंगे, जीवित स्वर्ग में उठा लिए गए।
इसी कारण विश्व के कोने-कोने में रहने वाले मसीही लोग आज भी प्रभु यीशु मसीह को जीवित परमेश्वर मानकर उनकी स्तुति करते हैं इसीलिए मसीही लोग प्रभु यीशु मसीह के सूली पर चढ़ने के दिन को ‘गुड फ्राईडे’ के रूप में और पुन: जी उठने के दिन को ‘ईस्टर’ के रूप में बड़ी श्रद्धा के साथ मनाते हैं।