Guru Purnima: गुरु पूजा के रुप में मनाया जाता है श्री वेद व्यास का जन्मदिन, पढ़ें प्राचीन इतिहास

Edited By Updated: 05 Jul, 2025 02:10 PM

guru purnima

Guru Purnima 2025: महर्षि वेद व्यास जी का जन्म दिवस गुरु पूर्णिमा के रूप में आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। भगवान विष्णु जी के अंशावतार भगवान वेद व्यास जी का वास्तविक नाम कृष्ण द्वैपायन है। द्वीप में जन्म लेने के कारण इनका नाम कृष्ण...

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Guru Purnima 2025: महर्षि वेद व्यास जी का जन्म दिवस गुरु पूर्णिमा के रूप में आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। भगवान विष्णु जी के अंशावतार भगवान वेद व्यास जी का वास्तविक नाम कृष्ण द्वैपायन है। द्वीप में जन्म लेने के कारण इनका नाम कृष्ण द्वैपायन रखा गया। इनके पिता ऋषि पराशर जी तथा माता सत्यवती थीं। सर्वप्रथम एक ही वेद था। जब इन्होंने धर्म का ह्रास होते देखा, तो वेदों का व्यास कर अर्थात उनका विभाग कर वेदों का ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद आदि नामों से नामकरण किया। इस प्रकार वेदों का व्यास करने से ये महर्षि वेद व्यास के नाम से प्रसिद्ध हुए।

PunjabKesari Guru Purnima
उन्होंने वेदों के अर्थ को लोक व्यवहार में समझाने के लिए पंचम वेद के रूप में महाभारत ग्रन्थ, सृष्टि की उत्पत्ति, प्रलय, भगवान की दिव्य लीलाओं तथा शास्त्रीय विधान का तथा मानवीय इतिहास का युगों तथा कल्पों के माध्यम से श्रीमद्भागवत, शिव पुराण, श्रीमद् देवी भागवत, ब्रह्म वैवर्त पुराण इत्यादि 18 पुराणों के रूप में वर्णन किया तथा ब्रह्मसूत्र जैसे वैदिक सनातन संस्कृति का मार्गदर्शन करने वाले अद्वितीय वैदिक धर्म ग्रन्थों की रचना कर वैदिक सनातन ज्ञान निधि ग्रन्थों को भव्य स्वरूप प्रदान किया।

इस प्रकार समस्त वैदिक ज्ञान निधि को एक सूत्र में पिरोने वाले सूत्रधार महर्षि वेद व्यास जी की पावन जयन्ती गुरु पूर्णिमा (गुरु पूजा) संपूर्ण भारतवर्ष में मनाई जाती है। कहने का अभिप्राय यह है कि गुरु पूर्णिमा अर्थात गुरु पूजा का महान पर्व महर्षि वेद व्यास जी को ही समर्पित है, इसीलिए वेदों, पुराणों, उपनिषदों के प्रवक्ता जिस आसन पर विराजमान हो कर प्रवचन करते हैं, उसे व्यास गद्दी के नाम से संबोधित किया जाता है।

PunjabKesari Guru Purnima
महाभारत के अतिरिक्त महर्षि वेद व्यास जी ने अपने रचित इन ग्रंथों में जीव, प्रकृति तथा ब्रह्म की व्याख्या के साथ इतिहास का तथा विविध प्रकार की श्रुतियों के रहस्य आदि का पूर्ण रूप से निरूपण किया है। सत्यवती नन्दन भगवान वेद व्यास जी ने अपनी तपस्या एवं ब्रह्मचर्य की शक्ति से सनातन वेद का विस्तार करके इस लोकपावन पवित्र इतिहास का निर्माण किया है।

उन्होंने मन ही मन महाभारत की रचना कर ली। तब उन्होंने विघ्नेश्वर गणेश जी से प्रार्थना की कि हे गणनायक! आप इस महाभारत ग्रन्थ के लेखक बन जाइए, मैं बोलकर लिखाता जाऊंगा। तीन वर्षों के अथक परिश्रम से इन्होंने महाभारत ग्रन्थ की रचना की। साठ लाख श्लोकों की महाभारत संहिता के तीस लाख श्लोक देवलोक में प्रतिष्ठित हैं। पितृलोक में पन्द्रह लाख तथा गन्धर्व लोक में चौदह लाख श्लोकों का पाठ होता है। इस मनुष्य लोक में महाभारत ग्रन्थ के एक लाख श्लोक प्रतिष्ठित हैं।

देवर्षि नारद जी ने देवताओं को, असित और देवल ऋषि ने पितरों को इसका श्रवण कराया है। शुकदेव जी ने गन्धर्वों एवं यक्षों को तथा इस मनुष्य लोक में महर्षि वेद व्यास शिष्य धर्मात्मा वैशम्पायन जी ने इसका प्रवचन किया है। महाभारत में ही भगवान श्री कृष्ण जी द्वारा अर्जुन को माध्यम बनाकर लोक कल्याण के लिए प्रदान किया गया। श्रीमद्भगवद्गीता जी का पावन उपदेश भी इसमें संकलित है, जिसे समस्त वेदों और उपनिषदों का सारगर्भित ज्ञान कहा गया है। सत्रह पुराणों के सार के रूप में भगवान वेद व्यास जी ने श्रीमद्भागवत की रचना की।

PunjabKesari Guru Purnima
श्रीमद्भागवत भारतीय सनातन वाङ्मय की मुकुटमणि है। शुकदेव जी द्वारा श्रीमद्भागवत महाराज परीक्षित को सुनाया गया यह विद्या का अक्षय भण्डार है। यह पुराण सभी प्रकार के कल्याण देने वाला तथा त्रय ताप-आधिभौतिक, आधिदैविक और आध्यात्मिक आदि का शमन करता है। ज्ञान, भक्ति और वैराग्य का यह महान ग्रन्थ है।

इस पुराण में सकाम कर्म, निष्काम कर्म, ज्ञान साधना, सिद्धि साधना, भक्ति, अनुग्रह, मर्यादा, द्वैत-अद्वैत, द्वैताद्वैत, निर्गुण-सगुण तथा व्यक्त-अव्यक्त रहस्यों का समन्वय उपलब्ध होता है। महर्षि वेदव्यास स्वयं ईश्वर के स्वरूप हैं। समस्त सनातन समाज का यह कर्तव्य है कि गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि वेदव्यास जी द्वारा रचित किसी एक ग्रंथ का पूजन कर महर्षि वेदव्यास जी के चरणों में कृतज्ञता प्रकट करते हुए शास्त्र मर्यादा का मार्गदर्शन करने वाले अपने गुरुओं तथा सनातन ज्ञान निधि ग्रंथों के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए महर्षि वेदव्यास जयन्ती मनाएं। 

PunjabKesari Guru Purnima

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!