Edited By Niyati Bhandari,Updated: 18 Aug, 2023 10:17 AM
आज बात करेंगे देव गुरु बृहस्पति कि ये 4 सितंबर को वक्री होंगे और 31 दिसंबर तक ये मेष राशि में वक्री होंगे 118 दिन के लिए। तो आज जानेंगे कि इस वक्री से वृष राशि के जातकों को अपने
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Guru Vakri 2023: आज बात करेंगे देव गुरु बृहस्पति कि ये 4 सितंबर को वक्री होंगे और 31 दिसंबर तक ये मेष राशि में वक्री होंगे 118 दिन के लिए। तो आज जानेंगे कि इस वक्री से वृष राशि के जातकों को अपने जीवन में क्या बदलाव देखना होगा ? गुरु जिस दिन वक्री होंगे शनि और सूर्य आमने-सामने हैं। मंगल और सूर्य भी आमने-सामने आ सकते हैं। गुरु आपकी कुंडली में बारहवें भाव में गोचर कर रहे हैं। ये गोचर सही नहीं होता। गुरु आपकी कुंडली में अष्टम भाव के स्वामी हैं और एक ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। गुरु दूसरे भाव के कारक हैं। ये धन का भाव है। पाचंवे भाव के भी कारक हैं, ये संतान का भाव है। गुरु भाग्य और आय स्थान के भी कारक हैं।
ज्ञान, संतान और धन इनमें थोड़ी सी कमी देखने को मिल सकती है। गुरु अष्टम भाव के स्वामी हैं इसलिए ड्राइविंग करते समय थोड़ा ध्यान रखें। आय भाव के स्वामी वक्री हैं बारहवें भाव में चले गए हैं। खर्चे बढ़ सकते हैं और आय का फ्लो बढ़ता हुआ दिखाई देगा। आय को लेकर दिक्कत हो सकती है, दुर्घटना के योग बनते हैं। गुरु आपकी कुंडली में धन भाव के कारक हैं। प्रेग्नेंट महिलाएं अपनी सेहत का थोड़ा ध्यान रखें। किसी प्रोजेक्ट में देरी देखने को मिल सकती है। यदि कुंडली में दशा गुरु की चल रही है और गुरु वक्री हो गए हैं तो उसके भी अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
नरेश कुमार
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