Edited By Niyati Bhandari,Updated: 20 Aug, 2023 09:07 AM
आज बात करेंगे देव गुरु बृहस्पति कि ये 4 सितंबर को वक्री होंगे और 31 दिसंबर तक ये मेष राशि में वक्री रहेंगे 118 दिन के लिए। तो आज जानेंगे कि इस वक्री से मेष राशि
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Guru Vakri 2023: आज बात करेंगे देव गुरु बृहस्पति कि ये 4 सितंबर को वक्री होंगे और 31 दिसंबर तक ये मेष राशि में वक्री रहेंगे 118 दिन के लिए। तो आज जानेंगे कि इस वक्री से मेष राशि के जातकों को अपने जीवन में क्या बदलाव देखना होगा ? गुरु और राहु चंद्रमा के ऊपर रहेंगे। शुक्र चौथे भाव में। सूर्य और बुध पंचम में। मंगल छठे में। केतु सप्तम में और शनि ग्यारहवें भाव में वक्री हैं। शुक्र भी वक्री हैं और गुरु भी वक्री हो जाएंगे।
सूर्य और शनि भी आमने-सामने पड़े हुए हैं। ये भी वक्र अवस्था में हैं और ये अवस्था खत्म होगी 4 नवंबर को। सूर्य और मंगल साथ हैं तो वक्री नहीं है। जब गुरु वक्री होंगे यहां पर तो चंद्रमा के ऊपर से गुरु गोचर करेंगे और ये शुभ नहीं होता। गुरु की दृष्टि हमेशा शुभ होती है। यदि आपकी कुंडली में गुरु वक्री हैं तो आपको इसके अचानक परिणाम देखने को मिलेंगे। मेष राशि के लिए गुरु दो भावों के स्वामी हैं। एक भाग्य स्थान और एक बारहवां स्थान। गुरु की पंचम दृष्टि पड़ रही है। पंचम भाव से संतान देखी जाती है। अगर आप सिंगल हैं तो रिश्ता हो सकता है। पढ़ाई में भी मन लगा रहेगा। संतान की प्राप्ति हो सकती है।
गुरु भाग्य स्थान को देख रहे हैं। भाग्य का साथ मिलेगा। पूजा-पाठ में ज्यादा मन लगेगा। खर्चा भी बढ़ सकता है। गुरु की महादशा चल रही है तो बढ़िया फल मिलेंगे।
नरेश कुमार
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