Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jun, 2017 11:15 AM
हजरत सुलेमान तोंसवी रहमतुल्लाह अलैह से मिलने के लिए चंद तवायफें आईं।
हजरत सुलेमान तोंसवी रहमतुल्लाह अलैह से मिलने के लिए चंद तवायफें आईं। आपने उन्हें आने से नहीं रोका, चुपचाप बैठे रहे। जियारत के बाद तवायफें चली गईं तो एक खादिम ने कहा, ‘‘हुजूर! तवायफों को यहां आना नहीं चाहिए था, वे बुरे काम करती हैं और उनमें शर्म व हया नहीं होती।’’
हजरत सुलेमान तोंसवी रहमतुल्लाह अलैह ने कहा, ‘‘उन औरतों में एक खूबी जरूर होती है, वह यह कि ये अपने आपको बदकार और दूसरों से नीचा समझती हैं। वह शख्स जो अपने आपको गुनहगार समझता है उस शख्स से अच्छा है जो नेक हो और खुद को दूसरों से बेहतर जानता हो।’’
(किताब ‘औलिया अल्लाह’ से इक्तिबास)