माता-पिता को नहीं रहा बच्चों पर भरोसा

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 22 Jun, 2023 09:38 AM

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माता-पिता को, खासकर महिला को परिवार का मुख्य स्तंभ माना जाता है लेकिन आज बुजुर्ग महिलाओं की स्थिति चिंताजनक है।

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माता-पिता को, खासकर महिला को परिवार का मुख्य स्तंभ माना जाता है लेकिन आज बुजुर्ग महिलाओं की स्थिति चिंताजनक है। हैल्पेज इंडिया की ताजा रिपोर्ट में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि वृद्धावस्था में पहुंची महिलाओं पर उत्पीड़न के मामले 16 फीसदी बढ़ गए हैं। बुजुर्गों पर उनके सगे बच्चे ही कहर ढा रहे हैं, जिसके चलते अब उन्हें अपने बच्चों पर भरोसा नहीं रहा। यह स्थिति भारत के लिए कलंक बनती जा रही है। हैल्पेज इंडिया के राष्ट्रीय सर्वेक्षण पर आधारित यह रिपोर्ट गत दिनों वल्र्ड एल्डर एब्यूज अवेयरनैस डे की पूर्व संध्या पर जारी की गई। इस रिपोर्ट में वरिष्ठ नागरिकों, विशेषकर वृद्ध महिलाओं की समग्र स्थिति को चिंताजनक बताया गया है।

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल के दिनों में महिलाओं के खिलाफ शारीरिक हिंसा में काफी इजाफा हुआ है। लगभग 50 प्रतिशत बुजुर्ग महिलाओं ने उत्पीड़न का अनुभव किया, जबकि 46 प्रतिशत ने कहा कि उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया।
वहीं 40 प्रतिशत ने शारीरिक और मनोवैज्ञानिक शोषण की जानकारी दी। हैरानी की बात यह है कि प्रताड़ित किए जाने के बावजूद ज्यादातर बुजुर्ग महिलाएं डर के मारे कुछ नहीं बोलतीं।

दूसरी तरफ 56 फीसदी बुजुर्ग महिलाओं को दुर्व्यवहार के खिलाफ शिकायत करने के मौजूदा निवारण तंत्र की जानकारी ही नहीं है। केवल 15 प्रतिशत बुजुर्ग भरण-पोषण, माता-पिता के कल्याण और वरिष्ठ नागरिक कानूनों के बारे में जानते हैं। हैरानी की बात यह भी है कि 78 प्रतिशत बुजुर्ग महिलाओं को सरकार की किसी भी कल्याणकारी योजना की जानकारी नहीं है। सामाजिक परिस्थितियों के कारण उनकी स्थिति खराब हुई है।

18 प्रतिशत महिलाओं ने लैंगिक भेदभाव से पीड़ित होने की बात कही और 64 प्रतिशत ने वैवाहिक स्थिति और विधवापन के कारण सामाजिक भेदभाव का सामना किया।

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वित्तीय असुरक्षा के कारण निराशा
सामान्यत: देखा जाए तो 53 प्रतिशत वृद्ध महिलाएं आर्थिक रूप से सुरक्षित महसूस नहीं करतीं। देश में 66 फीसदी बुजुर्ग महिलाओं के पास कोई संपत्ति नहीं है। बचत के मामले में 75 फीसदी महिलाओं की जेबें खाली हैं। 60 प्रतिशत महिलाओं ने कभी डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल ही नहीं किया, जबकि 59 फीसदी बुजुर्ग महिलाओं के पास स्मार्टफोन नहीं है। इसके अलावा 48 प्रतिशत वृद्ध महिलाओं को कम से कम एक गंभीर बीमारी है। वहीं 64 फीसदी महिलाओं ने स्वास्थ्य बीमा नहीं कराने की बात स्वीकार की।
सर्वे में 60-90 वर्ष आयु वर्ग की 7911 बुजुर्ग महिलाओं ने लिया भाग हैल्पेज इंडिया ने बुजुर्ग महिलाओं के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए कुछ उपाय भी सुझाए हैं। इस सर्वेक्षण में देश भर के 20 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों की 60 से 90 वर्ष आयु वर्ग की 7911 बुजुर्ग महिलाओं ने भाग लिया। 

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