Masrur Temples: केवल कला प्रेमी लोगों के कागजों में जिंदा है

Edited By Updated: 17 Jun, 2025 03:57 PM

himachals pyramid masroor temple

Masrur Temples: हिमालय की गोद में बसा हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खूबसूरती से सम्पन्न है। मंत्रमुग्ध करती नदियों की कल-कल ध्वनि के खूबसूरत नजारों से लेकर पर्वत की विशाल चोटियों तक, मनोरम घाटियों से लेकर सुंदर गर्म पानी के स्रोतों तक, कहीं भी प्राकृतिक...

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Masrur Temples: हिमालय की गोद में बसा हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खूबसूरती से सम्पन्न है। मंत्रमुग्ध करती नदियों की कल-कल ध्वनि के खूबसूरत नजारों से लेकर पर्वत की विशाल चोटियों तक, मनोरम घाटियों से लेकर सुंदर गर्म पानी के स्रोतों तक, कहीं भी प्राकृतिक खूबसूरती की कमी नहीं है। आप जैसे-जैसे हिमाचल की वादियों में कदम रखते जाते हैं एक सुखद आश्चर्य आपका स्वागत करता जाता है और आपको एक मनोरम अनुभव का अहसास कराता है। प्रकृति के इसी आदर्श स्थल में मानव द्वारा निर्मित अद्भुत कृतियों में शामिल है समुद्रतल से 2500 फुट की ऊंचाई पर एक रेतीली पहाड़ी पर स्थित मसरूर रॉक कट टैम्पल जिसका मतलब है पत्थर को काट कर बनाया गया मसरूर मंदिर। हिमाचल प्रदेश में बनी एक अद्भुत कृति एक ऐसी जगह है जो आपको अपनी शानदार खूबसूरती से आश्चर्यचकित कर देगी और एक अंजान सपने के सच होने का अनुभव कराएगी।

PunjabKesari Himachals Pyramid Masroor Temple

मसरूर मंदिर कांगड़ा के दक्षिण में 15 किलोमीटर की दूरी पर मसरूर में स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। 15 शिखर मंदिरों वाली यह संरचना गुफाओं के अंदर स्थित है जो मसरूर मंदिरों के रूप में जाना जाता है। मसरूर मंदिर एक ही चट्टान को काट कर बनाया गया मंदिरों का समूह है।

स्थानीय लोगों के अनुसार इसे हिमालय का पिरामिड भी कहा जाता है। मंदिर का पूरा परिसर एक विशालकाय चट्टान को काट कर बनाया है। इसे बिल्कुल भी आदर्श रूप से भारतीय स्थापत्य शैली में बनाया गया है जो हमें 6-8वीं शताब्दी में ले जाता है। धौलाधार पर्वत और ब्यास नदी के परिदृश्य में स्थित, यह मंदिर एक सुरम्य पहाड़ी के उच्चतम बिंदू पर स्थित है। वैसे आज तक तो इस मंदिर के निर्माण की कोई ठीक तारीख तो पता चल नहीं पाई है, इसलिए कहा जाता है कि मंदिर को सबसे पहले सन 1875 में खोज निकाला गया था।

PunjabKesari Himachals Pyramid Masroor Temple

मुख्य मंदिर वस्तुत: एक शिव मंदिर था, पर अभी यहां श्री राम, लक्ष्मण व सीता जी की मूर्तियां स्थापित हैं। एक लोकप्रिय पौराणिक कथा के अनुसार महाभारत में पांडवों ने अपने वनवास के दौरान इसी जगह पर निवास किया था और इस मंदिर का निर्माण किया। चूंकि यह एक गुप्त निर्वासन स्थल था इसलिए वे अपनी पहचान उजागर होने से पहले ही यह जगह छोड़ कर कहीं और स्थानांतरित हो गए। कहा जाता है कि मंदिर का जो एक अधूरा भाग है उसके पीछे भी यही एक ठोस कारण मौजूद है।

PunjabKesari Himachals Pyramid Masroor Temple

आप मंदिर के अंदर जैसे ही जाएंगे, अंदर की वास्तुकला देख कर दंग रह जाएंगे कि कैसे एक पहाड़ को काट कर इस तरह बनाया जा सकता है। कहीं कोई जोड़ नहीं, कोई सीमैंट नहीं केवल पहाड़ काट कर गर्भ गृह, मूर्तियां, सीढिय़ां और दरवाजे बनाए गए हैं। हालांकि यह शैली पश्चिम और दक्षिण भारत के कई प्राचीन मंदिरों में देखने को मिल जाती है पर भारत के उत्तरी भाग में कुछ अलग और अद्वितीय है। मंदिर की वास्तुकला और बारीकी से की गई नक्काशियां किसी भी इतिहास में रुचि रखने वाले व्यक्ति के लिए एक आदर्श स्थल हैं।

PunjabKesari Himachals Pyramid Masroor Temple

मंदिर के बिल्कुल सामने ही स्थित है मसरूर झील जो मंदिर की खूबसूरती में चार-चांद लगाती है। झील में मंदिर के कुछ अंश का प्रतिबिंब दिखाई देता है जो किसी जादू से कम नहीं दिखता। कहा जाता है कि इस झील को पांडवों ने ही अपनी पत्नी, द्रौपदी के लिए बनवाया था। इस मंदिर को बनाने की अवधारणा ही थी इसे शिव जी को समर्पित मंदिर बनाना। यहां कई ऐसे चौखट हैं जो शिव जी के सम्मान में मनाए जाने वाले त्यौहार के नजारे को दर्शाते हैं और ये नजारे आपको देश में कहीं और देखने को नहीं मिलेंगे।

PunjabKesari Himachals Pyramid Masroor Temple

पूरा धौलाधार व इसकी हिमाच्छादित चोटियां यहां से स्पष्ट नजर आती हैं। पूरा दृश्य ऐसा लगता है मानो किसी चित्रकार ने बड़ा सा चित्र बनाकर आकाश में लटका दिया हो। पहाड़ को काट कर ही एक सीढ़ी बनाई गई है, जो आपको मंदिर की छत पर ले जाती है और यहां से पूरा गांव एवं धौलाधार की धवल चोटियां कुछ अलग ही नजर आती हैं।

PunjabKesari Himachals Pyramid Masroor Temple

मंदिर के पहाड़ी के ढलान पर जंगली क्षेत्र में फैली हुई विशाल निर्माण एवं वास्तु अवशेषों के आधार पर ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि प्राचीन समय में मसरूर मंदिर के आसपास एक नगर रहा होगा। मुख्य मंदिर समूह के अतिरिक्त पहाड़ी की पूर्वी दिशा में कुछ शैलोत्कीर्ण गुफाएं एवं सम्मुख तालाब है। इन्हें देखकर ऐसा लगता है कि ये गुफाएं शैव धर्मावलंबियों एवं अनुयायियों के आवास गृह थे। आज यहां उस तरह की भीड़ देखने को नहीं मिलती है जिस तरह कांगड़ा के अन्य शक्तिपीठों में है और न ही लोगों द्वारा यहां विशेष रूप से कोई चढ़ावा ही अर्पित किया जाता है। केवल कला प्रेमी लोग इसके महत्व और शिल्प को अपने कागजों में जिंदा रखे हुए हैं। मसरूर मंदिर के दर्शन पूरे साल कभी भी कर सकते हैं।

 

 

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!