Edited By Sarita Thapa,Updated: 12 Dec, 2025 01:33 PM

उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में शुक्रवार तड़के भस्म आरती के दौरान हनुमान अष्टमी का पर्व अत्यंत धूमधाम से मनाया गया। खास बात यह रही कि यह पर्व विश्वभर में केवल उज्जैन में ही मनाया जाता है।
Mahakal Temple Hanuman Ashtami: उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में शुक्रवार तड़के भस्म आरती के दौरान हनुमान अष्टमी का पर्व अत्यंत धूमधाम से मनाया गया। खास बात यह रही कि यह पर्व विश्वभर में केवल उज्जैन में ही मनाया जाता है। पावन अवसर पर बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार हनुमान जी के स्वरूप में किया गया और महादेव के मस्तिष्क पर “श्री राम” अंकित किया गया, मंदिर परिसर मैं मौजूद श्रद्धालुओं ने आज महादेव के साथ-साथ श्री राम और हनुमान जी के भी दर्शन किए।
सुबह गर्भगृह के पट खोलते ही पुजारियों ने भगवान स्नान कर पंचामृत पूजन से आरती की शुरुआत की। इसके बाद नंदी हाल में नंदी जी का विधिवत स्नान, ध्यान और पूजन संपन्न हुआ। गर्भगृह में भगवान महाकाल का जल से अभिषेक किया गया तथा दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से पूजा-अर्चना की गई। श्रृंगार के दौरान भगवान महाकाल को रजत चंद्र, त्रिशूल, मुकुट और विभिन्न आभूषण अर्पित किए गए। साथ ही भांग, चंदन, ड्रायफ्रूट और पवित्र भस्म चढ़ाई गई। भगवान को रजत शेषनाग मुकुट, रजत की मुण्डमाल, रुद्राक्ष की माला और सुगंधित पुष्पों की माला पहनाई गई। फल और मिष्ठान का भोग लगाकर आरती सम्पन्न हुई।
भस्म आरती के दर्शन करने बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे और बाबा महाकाल के हनुमान स्वरूप का आशीर्वाद प्राप्त किया। महा निर्वाणी अखाड़े द्वारा भस्म अर्पित की गई। मान्यता है कि भस्म अर्पण के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते हैं। मंदिर परिसर “जय महाकाल” के जयघोष से गुंजायमान रहा।
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