Edited By Prachi Sharma,Updated: 05 Nov, 2023 08:53 AM
एक व्यापारी था, वह बहुत धनी था। दुर्भाग्यवश वह कंगाल हो गया। बहुत दुखी होकर वह एक संत के पास गया और उन्हें अपनी
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Inspirational Story: एक व्यापारी था, वह बहुत धनी था। दुर्भाग्यवश वह कंगाल हो गया। बहुत दुखी होकर वह एक संत के पास गया और उन्हें अपनी आपबीती सुनाकर रोने लगा।
संत बोले, “तुम दुखी हो, क्योंकि तुम्हारा सब कुछ चला गया।”
व्यापारी ने उत्तर में ‘हां’ कहा।
संत बोले, “यदि वह तुम्हारा था तो उसे तुम्हारे पास रहना चाहिए था। वह चला कैसे गया ?”
व्यापारी चुप रहा।
संत ने कहा, “क्या जन्म के समय तुम सारा धन साथ लेकर आए थे ?”
व्यापारी बोला, “महाराज ! जन्म के समय सब खाली हाथ आते हैं, मैं धन कैसे ला सकता था ?”
संत पुन: बोले, “अच्छा यह बताओ कि मरते समय अपने साथ कितना धन ले जाना चाहते हो ?”
व्यापारी, “महाराज ! क्यों मजाक करते हैं, मरते समय भी सब खाली हाथ जाते हैं तो मैं धन साथ कैसे ले जाऊंगा ?”
संत बोले, “जब तुम खाली हाथ आए थे और खाली हाथ जाओगे तो परेशान किसलिए होते हो ?”
व्यापारी ने कहा, “महाराज ! आप सही कहते हैं। परन्तु अपने परिवार का भरण-पोषण मैं कैसे करूं ?”
संत बोले, “जो ईश्वर सबका भरण-पोषण करता है, तुम्हारा भी करेगा। तुम उसी पर भरोसा करके पुरुषार्थ करो। यही सुख-शांति की प्राप्ति का एकमात्र मार्ग है।”
व्यापारी को निष्काम कर्म का मार्ग मिल गया और उसके जीवन के शेष दिन निश्चिंततापूर्वक गुजरे।