Jupiter Transit 2023: वृषभ राशि का घर का सपना पूरा करेंगे गुरु

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 17 Feb, 2023 01:29 AM

: 2023 में गुरु का गोचर मेष राशि में होगा। फिलहाल गुरु अभी मीन राशि में हैं। 22 अप्रैल को गुरु राशि परिवर्तन करेंगे और मेष राशि में गोचर करेंगे लेकिन ये गोचर अस्त अवस्था में होगा क्योंकि

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Jupiter zodiac change गुरु का राशि परिवर्तन: 2023 में गुरु का गोचर मेष राशि में होगा। फिलहाल गुरु अभी मीन राशि में हैं। 22 अप्रैल को गुरु राशि परिवर्तन करेंगे और मेष राशि में गोचर करेंगे लेकिन ये गोचर अस्त अवस्था में होगा क्योंकि 30 मार्च के आस-पास गुरु अस्त हो जाएंगे और 30 अप्रैल को दोबारा उदय होंगे। 30 अप्रैल को उदय होने के बाद गुरु 4 सितंबर को वक्री हो जाएंगे और 31 दिसंबर को पुन: मार्गी होंगे। कुंडली में 12 में से 9 घरों के ऊपर गुरु का प्रभाव पड़ता है। सबसे पहले गुरु दूसरे,पांचवें, नौवें और ग्यारहवें घर के कारक ग्रह हैं। दूसरा घर धन स्थान होता है। पांचवे घर से संतान देखी जाती है। नौवां भाग्य स्थान होता है और ग्यारहवां भाव आय का स्थान होता है। गुरु इन चारों भावों के कारक होते हैं। कुंडली में मीन और धनु राशि गुरु की होती है और गुरु की तीन दृष्टियां होती हैं। इस वजह से गुरु का गोचर बहुत ही मायने रखता है।

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वृष राशि वालों के लिए गुरु का ये गोचर बारहवें भाव से होगा लेकिन फिलहाल गुरु अभी ग्यारहवें भाव में हैं इसलिए वृष राशि वालों को फायदा मिलने की संभावना है लेकिन अब गुरु का गोचर बारहवें भाव से होने के कारण ये शुभ नहीं होगा लेकिन इसके बावजूद कुछ चीजें ऐसी हैं, जिसकी वजह से कुछ अच्छा देखने को मिल सकता है।

सबसे पहले गुरु बारहवें भाव में गोचर करके चौथे भाव को देखेंगे पंचम दृष्टि के साथ। चौथा भाव आपकी कुंडली में शुक्र स्थान का होता हैं। अगर कोई वाहन, घर या कोई और चीज खरीदने की इच्छा है वो 22 मार्च के बाद पूरी हो जाएगी क्योंकि ये भाव गुरु की दृष्टि में आ जाएगा।

चौथा भाव मां का भी भाव होता है। अगर वृष राशि के किसी जातक को अपनी मां की सेहत की चिंता है वो भी दूर हो जाएगी और इम्प्रूवमेंट देखने को मिलेगी और इसके साथ खुद की मानसिक स्थिति में भी सुधार देखने को मिलेगा। गुरु का ये गोचर शुभ नहीं है लेकिन इसकी दृष्टि हमेशा शुभ रहती है।

गुरु की दृष्टि पड़ेगी अब छठे भाव के ऊपर क्योंकि जब बाहरवें भाव में गोचर करेंगे तो सप्तम दृष्टि से छठे भाव को देखेंगे। छठा भाव रोग, ऋण और शत्रु का भाव होता है। यदि खुद की सेहत खराब है तो इसमें भी इम्प्रूवमेंट देखने को मिलेगी। कोर्ट-कचहरी के अगर चक्कर लगाने पड़ रहे हैं तो उसमे भी राहत मिलेगी। इस एक साल में गुरु वृष राशि वालों को राहत देकर जाएंगे।

गुरु की अगली दृष्टि पड़ेगी अष्टम भाव के ऊपर। अष्टम भाव गोपनीयता का भाव होता है। यहां पर गुरु की धनु राशि पड़ीं हुई हैं। यहीं से ही अचानक नुकसान और फायदे देखे जाएंगे।

वाहन चलाते समय सावधानी बरतें और खासतौर पर खाने-पीने का ध्यान रखें। यहां पर गुरु बारहवें भाव में हैं, इस वजह से कुछ बदलाव देखने को मिलेंगे। कहते हैं गुरु जिस भाव में होते हैं उसकी हानि कर जाते हैं। बारहवां भाव सेहत और खर्चे का भाव है। इनके अलावा गुरु का गोचर काफी मामलों में बेहतर रहेगा।  

नरेश कुमार
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