Jupiter Transit 2023: 22 अप्रैल को गुरु करेंगे गोचर, वृश्चिक राशि को मिलेंगे ये शुभ-अशुभ फल

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 24 Feb, 2023 09:43 AM

2023 में गुरु का गोचर मेष राशि में होगा, फिलहाल गुरु अभी मीन राशि में हैं। 22 अप्रैल को गुरु राशि परिवर्तन करेंगे और मेष राशि में गोचर करेंगे लेकिन ये गोचर अस्त अवस्था में होगा। 30 मार्च के आस-पास गुरु अस्त हो जाएंगे और

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Jupiter Transit गुरु का राशि परिवर्तन: 2023 में गुरु का गोचर मेष राशि में होगा, फिलहाल गुरु अभी मीन राशि में हैं। 22 अप्रैल को गुरु राशि परिवर्तन करेंगे और मेष राशि में गोचर करेंगे लेकिन ये गोचर अस्त अवस्था में होगा। 30 मार्च के आस-पास गुरु अस्त हो जाएंगे और 30 अप्रैल को दोबारा उदय होंगे। 30 अप्रैल को उदय होने के बाद गुरु 4 सितंबर को वक्री हो जाएंगे और 31 दिसंबर को पुन: मार्गी होंगे। कुंडली में 12 में से 9 घरों के ऊपर गुरु का प्रभाव पड़ता है। सबसे पहले गुरु दूसरे,पांचवें, नौवें और ग्यारहवें घर के कारक ग्रह हैं। दूसरा घर धन स्थान होता है। पांचवें घर से संतान देखी जाती है। नौवां भाग्य स्थान होता है और ग्यारहवां भाव आय का स्थान होता है। गुरु इन चारों भावों के कारक होते हैं। कुंडली में मीन और धनु राशि गुरु की होती है और गुरु की तीन दृष्टियां होती हैं। इस वजह से गुरु का गोचर बहुत ही मायने रखता है।

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वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि वालों के लिए गुरु का गोचर अच्छा नहीं है। वृश्चिक राशि के लिए गुरु दूसरे भाव के स्वामी हैं। दूसरा भाव धन भाव होता है। गुरु पंचम भाव के स्वामी हैं और जो पंचम भाव है वो आपकी स्टडी का भाव है। यदि आपकी कुंडली में गुरु की महादशा चल रही है तो इन दो भावों के फल जो गुरु ने करने थे उनकी वो हानि कर जाएंगे। गुरु की एक दृष्टि अपनी ही राशि पर जाएगी इसलिए एक राशि के फलों में कमी आ जाएगी। धनु राशि जहां है, वृश्चिक राशि के जातकों के लिए वहां पर जो है धन हानि की कमी नहीं होगी। धन भाव ज्यादा प्रभावित नहीं होगा।

छठे भाव से गुरु की दृष्टि जाएगी आपके कर्म स्थान के ऊपर। जब गुरु की दृष्टि यहां पर रहेगी और यहां से नौवें भाव में गोचर करेंगे। गुरु की एक दृष्टि जाती है बारहवें भाव के ऊपर। जब छठे भाव से गोचर करेंगे तो बारहवें भाव को देखेंगे। बारहवें भाव से आपकी अनिद्रा की समस्या आती है। गुरु का ये गोचर खर्चे कंट्रोल करने वाला हो सकता है।

गुरु की एक दृष्टि जाएगी दूसरे भाव के ऊपर। यहां पर गुरु की अपनी ही दृष्टि पड़ी है। अपनी ही राशि को गुरु देख रहे हैं। गुरु की दृष्टि जाएगी धन भाव के ऊपर, जिससे धन से जुड़े सारे काम हल हो जाएंगे। पंचम भाव कुंडली का त्रिकोण भाव है। पंचम भाव से संतान देखी जाती है। ये निश्चित तौर पर प्रभावित हो सकते हैं।

वृश्चिक राशि की महिलाएं जो प्रेगनेंट हैं, उन्हें थोड़ा ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। गुरु के फल यहां पर थोड़े से कम हो जाएंगे।

नरेश कुमार
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