Edited By Jyoti,Updated: 21 Oct, 2021 09:17 PM
कार्तिक मास में सबसे पहला जो पर्व आता है, वो है करवाचौथ। इस वर्ष करवाचौथ का व्रत 24 अक्टूबर दिन रविवार को पड़ रहा है।
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कार्तिक मास में सबसे पहला जो पर्व आता है, वो है करवाचौथ। इस वर्ष करवाचौथ का व्रत 24 अक्टूबर दिन रविवार को पड़ रहा है। धार्मिक मान्यताएं हैं कि इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना से पूरा निर्जला व्रत करती है। मुख्य रूप से हिंदू धर्म में इस व्रत को पूरी धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं, सजती हैं तथा चौथ माता की पूजा करती हैं। इस दिन रात्रि में महिलाएं गणेश जी, भगवान शिव और माता पार्वती की विधि वत पूजा करती हैं तथा रात के समय चंद्रोदय के बाद चंद्रमा के दर्शन करके उसे अर्घ्य देती हैं तथा उसकी पूजा करती हैं। इसके उपरांत अपने पति के हाथों से जल ग्रहण करके व्रत का पारण करती हैं।
व्रत के नियम
कहा जाता है करवाचौथ व्रत के नियम काफी कठिन है। बात करें इस बार के करवाचौथ के बारे में कहा जा रहा है कि इस बार पांच साल बाद फिर इस अवसर पर शुभ योग बन रहे हैं। करवा चौथ पर इस बार रोहिणी नक्षत्र में पूजन होगा। धार्मिक व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार करवाचौथ का व्रत बहुत ही सावधानी और नियम के साथ करना लाभदायी माना जाता है। तो आइए जानते हैं इस दिन से जुड़े खास नियम आदि-
भूलकर भी न करें ये काम
व्रत की शुरुआत सूर्योदय के साथ ही होती है, इसलिए इस दिन महिलाओं को भूलकर भी देर तक नहीं सोना चाहिए।
इस दिन पूजा-पाठ में भूरे और काले रंग के कपड़े पहनना अशुभ माना जाता है। इसलिए कोशिश करें कि इस दिन लाल रंग के कपड़े ही पहनें क्योंकि लाल रंग प्यार का प्रतीक है।
इस पवित्र दिन न तो खुद सोएं और न ही इस दिन किसी सोए हुए व्यक्ति को जगाना चाहिए। मान्यता है कि करवा चौथ के दिन किसी भी सोते हुए व्यक्ति को नींद से जगाना अशुभ माना जाता है।
करवा चौथ के दिन सास अपनी बहु को सरगी के रूप में व्रत शुरू होने से पहले सास कुछ मिठाइयां, कपड़े तथा श्रृंगार का समान देती है। इस दिन सूर्योदय से पहले ही सरगी का भोजन करें और फिर पूरे दिन निर्जला व्रत रहकर पति की लंबी आयु के लिए कामना करें।
व्रती महिलाओं को इस दिन अपनी भाषा पर नियंत्रण रखना चाहिए। घर में किसी बड़े का अपमान नहीं करना चाहिए तथा पति के साथ प्रेम-भाव के साथ रहना चाहिए।
धार्मिक शास्त्रों में कहा गया है कि करवा चौथ व्रत के दिन पति-पत्नी को आपस में झगड़ा नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से व्रत का फल नहीं मिलता है।
इसके अतिरिक्त इस दिन सफ़ेद भूलकर भी सफेद चीज़ों का दान नहीं करना चाहिए।