Edited By Prachi Sharma,Updated: 14 Aug, 2025 11:01 AM
Libra Lagana: आज बात करेंगे तुला लग्न के उन जातकों की जो स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं। यहां पर बात तुला लग्न की होगी, तुला राशि की नहीं होगी क्योंकि यदि हम इसको राशि के हिसाब से कैलकुलेट करने की कोशिश करेंगे तो चीजें थोड़ी सी डिफरेंट हो जाती...
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Libra Lagana: आज बात करेंगे तुला लग्न के उन जातकों की जो स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं। यहां पर बात तुला लग्न की होगी, तुला राशि की नहीं होगी क्योंकि यदि हम इसको राशि के हिसाब से कैलकुलेट करने की कोशिश करेंगे तो चीजें थोड़ी सी डिफरेंट हो जाती हैं। जब भी किसी कुंडली का विचार किया जाता है तो लग्न से ही विचार किया जाता है। तो तुला लग्न के जातकों की बात होगी। कौन से तुला लग्न के जातकों को बाजार में काम करना चाहिए। जब स्टॉक मार्केट में काम करते हैं तो सबसे इंपॉर्टेंट रोल वह चंद्रमा का होता है। चंद्रमा मन का कारक होता है। ग्रीड एंड फियर दोनों ही आपका मन से आता है। तो चंद्रमा की स्थिति जरूर चेक करेंगे। कोई भी कुंडली है, कोई भी लग्न है तो उसकी स्थिति जरूर चेक करनी चाहिए। तो तुला लग्न में कैसे पता लगेगा कि आपका चंद्रमा मजबूत है या चंद्रमा कमजोर है ?
मान लीजिए तुला लग्न है। यहां पर चंद्रमा आपका तुला राशि में पड़ा हुआ है, यह तुला लग्न की पत्रिका है आपके सामने। यदि आपका सूर्य कन्या राशि में है या आपका सूर्य वृश्चिक राशि में है तो आपका चंद्रमा कमजोर है। यह चंद्रमा किसी भी राशि में हो सकता है। आपका यदि तुला लग्न है और चंद्रमा कहीं पर भी बड़ा है। मान लीजिए तुला लग्न है और आपका चंद्रमा पड़ा हुआ है कर्क राशि में दशम भाव में। यदि सिंह राशि में सूर्य आ जाएगा या मिथुन राशि में सूर्य आ जाएगा तो भी चंद्रमा आपका वीक हो जाएगा क्योंकि यह सूर्य के बिल्कुल करीब आ जाएगा चंद्रमा। तो ऐसी स्थिति का चंद्रमा वीक होता है। यहां पर ग्रीड एंड फेयर जल्दी आ जाता है। मान लीजिए आपका चंद्रमा पड़ा हुआ है 10 राशि में। यहां पर तुला लग्न की पत्रिका है और 10 राशि का चंद्रमा मान लीजिए मकर राशि का चंद्रमा है। उसके सामने सूर्य पड़ा हुआ है कर्क राशि में तो यह चंद्रमा मजबूत हो जाएगा, यह लगभग पूर्णिमा का ही जन्म हो जाएगा। मान लीजिए सूर्य यहां पर नहीं है सूर्य तुला राशि में ही हैतो तुला राशि का सूर्य और मकर राशि का चंद्रमा है तो भी स्थिति ठीक है क्योंकि यहां पर डिस्टेंस 100 डिग्री के आसपास का बन जाएगा। यदि चंद्रमा मकर राशि में है और सूर्य आपका सप्तम में पड़ा हुआ है। मेष राशि में पड़ा हुआ है तो भी आपका चंद्रमा मजबूत हो जाएगा। तो ऐसी स्थिति में तो आप ट्रेड कर सकते हैं। आपका मन मजबूत है, आप फैसला ले सकते हैं।
यदि सूर्य चौथे भाव में है या 10वें भाव में है या नौवें भाव में या पंचम भाव में है तो चंद्रमा नॉर्मली मजबूत हो जाता है। जो बड़े इन्वेस्टर हैं उनकी कुंडली में भी चंद्रमा सूर्य से चार घर आगे आगे हैं। यदि हम राकेश झुनझुनवाला जी की कुंडली का विश्लेषण करते हैं तो वहां पर सूर्य और चंद्रमा एक दूसरे से 9 पांच के एक्सिस पर पड़े हुए हैं। यानी कि नाइंथ भाव में उनके सूर्य है और उनका चंद्रमा पंचम भाव में है सूर्य से। इस तरह की कॉम्बिनेशन है। तो यहां पर डिस्टेंस बनता है 130° का। तो यह दोनों निवेशक है वह काफी सक्सेसफुल रहे हैं बाजार में। यह सिर्फ एक पैरामीटर है लेकिन बाकी पैरामीटर है तुला लग्न के लिए। सबसे पहला पैरामीटर तो यह है कि आपका 12वां भाव स्ट्रांग होना चाहिए। 12वां भाव स्पेकुलेशन का भाव है, जितने भी लोग इंट्राडे ट्रेड करते हैं, फ्यूचर में काम करते हैं, एम.सी.एक्स में काम करते हैं, बिटकॉइन में काम करते हैं, उन सबका 12वां भाव स्ट्रांग होना चाहिए। 12वां भाव स्पेकुलेशन का भाव है।
यदि 12वें में शनि बैठे हैं, चौथे भाव में राहु, पंचम में मंगल बैठे हैं, तो 12वां भाव ज्यादा पीड़ित हो जाएगा क्योंकि राहु की भी दृष्टि शनि के ऊपर जाएगी, मंगल की भी दृष्टि शनि के ऊपर जाएगी। मंगल छठे में बैठेंगे तो भी शनि को देखेंगे। तो यहां पर यदि तीन भाव ग्रहों के प्रभाव में 12वां भाव आपका आ गया तो निश्चित तौर पर बाजार आपके लिए नहीं है। आप इन्वेस्टर हो सकते हैं लेकिन स्पेकुलेटर नहीं हो सकते। जो बाजार में ट्रेडिंग होती है, जो फ्यूचर में काम होता है या ऑप्शंस में काम होता है, वह सारा स्पेकुलेशन का काम है उससे आपको दूर रहना चाहिए। यदि यह स्थिति आपकी कुंडली में है। दूसरा फिर ग्रहों की बड़ी भूमिका आ जाती है।
यदि किसी की तुला लग्न की पत्रिका है तो सूर्य आपकी कुंडली में 11थ हाउस का लोड हो जाएगा। यहां पर सिंह राशि आ जाएगी और मंगल आपका बन जाएगा धन भाव का स्वामी। यदि सूर्य और मंगल पीड़ित है कुंडली में। मान लीजिए सूर्य अष्टम में पड़ा है। सूर्य 12 में पड़ा है, सूर्य छठे में पड़ा है तो वीक हो जाएगा। हालांकि पाप ग्रह का छठे जाना अच्छा होता है लेकिन अष्टम 12वें में बैठा सूर्य तो इवेंचुअली वह वीक हो ही जाएगा और उसके ऊपर यदि राहु का प्रभाव है या फिर वह शनि के प्रभाव में है, मंगल के प्रभाव में है तो भी वह वीक हो जाएगा। तो यहां पर यदि सूर्य की स्थिति खराब है तो आपका आय वाला स्थान आपका खराब हो जाएगा। आय स्थान का स्वामी खराब हो जाएगा। यदि आपका राहु सप्तम में पड़ा है तो भी वह 11वें भाव को पीड़ित कर देगा तो 12वां भाव देखेंगे। 11वां भाव आय का भाव है। उसके ऊपर यदि दो पाप ग्रहों का प्रभाव है तो भी वो पीड़ित हो जाएगा। मंगल यदि आपका पीड़ित हो जाए मान लीजिए मंगल आपका राहु-केतु एक्सिस में फंस गया या मंगल अष्टम में चला गया और राहु आपका 12 में पड़ा हुआ है। उसके ऊपर दृष्टि दे रहा है तो भी आपके लिए स्थिति खराब हो जाएगी क्योंकि आय भाव भी पीड़ित हो गया। धन भाव का स्वामी भी पीड़ित हो गया है तो ऐसी स्थिति में बाजार से आप गेन नहीं ले पाएंगे। बहुत लोगों की कुंडली में चंद्रमा 11वां भाव, धन भाव 12वां भाव खराब होता है। तो यह आपको समझना पड़ेगा कि यदि यहां पर कुंडली में यह स्थिति है आपका सूर्य, आपका मंगल खराब है। तुला लग्न के जातकों के लिए और आपका चंद्रमा खराब है और सबसे बढ़कर गुरु क्योंकि गुरु आय और धन का कारक होता है। पंचम का भी कारक गुरु होता है। यानी कि कुल मिलाकर तुला लग्न के जातकों के लिए यदि मंगल खराब है, सूर्य खराब है, गुरु खराब है, 12वां घर खराब है, पंचम भाव खराब है तो चीजें आपके अनुसार नहीं हो पाएंगी। स्टॉक मार्केट आपके लिए नहीं है। यहां पर आपको थोड़ा सा दूर रहना चाहिए।
मान लीजिए तुला लग्न की पत्रिका है आपकी और राशि का स्वामी यानी कि लग्न का स्वामी शुक्र फोर्थ हाउस में आ गया और गुरु आपके दशम में आ गए। यह दोनों एक दूसरे को देखेंगे। अब गुरु जब दशम में बैठेंगे तो पांचवी दृष्टि से आपके धन भाव को भी देखेंगे और यदि मान लीजिए यहां पर मंगल भी गुरु के साथ आ जाए तो मंगल एक तो अपने भाव से नाइंथ आ जाएंगे। धन भाव का स्वामी गुरु के साथ आ गया उसके कारक के साथ आ गया वीनस के प्रभाव में आ गया तो यह एक आइडियल पोजीशन हो जाएगी कि आपको बाजार से फायदा हो सकता है। यदि चंद्रमा सप्तम में है, सूर्य आपका लग्न में है, गुरु आपका मंगल के साथ दशम में है और शुक्र आपका फोर्थ हाउस में है तो यह एक आइडियल पोजीशन हो जाएगी मार्केट से फायदा लेने वाली।
नरेश कुमार
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