Edited By Niyati Bhandari,Updated: 11 Apr, 2024 07:18 AM
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली तृतीया तिथि को श्री विष्णु के अवतार भगवान मत्स्य की जयंती मनाई जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने सबसे पहला अवतार मत्स्य के रूप में लिया था।
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Matsya Jayanti 2024: चैत्र माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली तृतीया तिथि को श्री विष्णु के अवतार भगवान मत्स्य की जयंती मनाई जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने सबसे पहला अवतार मत्स्य के रूप में लिया था। जिसमें भगवान विष्णु ने मछली का रूप धारण करके संसार को संकटों के नाश से बचाया था। मत्स्य जयंती के दिन 3 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। माना जाता है कि मत्स्य जयंती के दिन भगवान विष्णु के इस अवतार की पूजा करने से मन की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही ज्ञान और आयु में वृद्धि होती है। तो आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त, महत्व और योग के बारे में-
Matsya Jayanti 2024 auspicious time मत्स्य जयंती 2024 शुभ मुहूर्त
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 10 अप्रैल दिन बुधवार को शाम 05 बजकर 32 मिनट पर प्रारंभ होगी और उसका समापन 11 अप्रैल दिन गुरुवार को दोपहर 03 बजकर 03 मिनट पर होगा। उदयातिथि तिथि के आधार पर मत्स्य जयंती 11 अप्रैल गुरुवार के दिन मनाई जाएगी।
3 auspicious yogas on Matsya Jayanti 2024 मत्स्य जयंती 2024 पर 3 शुभ योग
इस साल मत्स्य जयंती पर 3 शुभ योग बन रहे हैं। रवि योग, प्रीति योग और आयुष्मान योग का इस तिथि पर इनका निर्माण हो रहा है।
रवि योग- प्रात:काल 6 बजे से शुरू होकर देर रात 01 बजकर 38 मिनट तक रवि योग रहने वाला है।
प्रीति योग- प्रात:काल से शुरू होकर सुबह 07 बजकर 19 मिनट तक रहेगा।
आयुष्मान योग- अगले दिन 12 अप्रैल शुक्रवार को प्रात: 04 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।
Why did Lord Vishnu take the incarnation of Matsya भगवान विष्णु ने क्यों लिया मत्स्य अवतार
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने अपना पहला अवतार मछली के रूप में लिया था। उन्होंने मत्स्य अवतार पुष्पभद्रा नदी के किनारे लिया था। भगवान विष्णु ने मत्स्य जयंती में प्रकट होकर सृष्टि की भयानक जल प्रलय से रक्षा की थी। भगवान विष्णु के इस अवतार ने अधर्म का नाश करके, धर्म की स्थापना की थी। मत्स्य अवतार ज्ञान और शिक्षा का भी प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के इस अवतार की पूजा करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही मन की हर मनोकामना पूरी होती है।