National Mathematics Day: आज मनाया जाएगा राष्ट्रीय गणित दिवस, जानें इतिहास

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 22 Dec, 2023 12:34 PM

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प्रतिवर्ष 22 दिसम्बर को राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है। महान भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के जन्मदिवस को इस दिवस के रूप में मनाने के पीछे उनके गणित के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्य हैं, जिन्होंने विश्व में भारत का नाम ऊंचा...

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National Mathematics Day 2023: प्रतिवर्ष 22 दिसम्बर को राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है। महान भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के जन्मदिवस को इस दिवस के रूप में मनाने के पीछे उनके गणित के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्य हैं, जिन्होंने विश्व में भारत का नाम ऊंचा किया।

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India's old relationship with mathematics भारत का गणित से पुराना रिश्ता
हमारे देश में गणित को वैदिक काल के पूर्व से भी जीवंत माना गया है। जब भी गणित में पूर्ण संख्याओं की बात आती है तो हर किसी की जुबान पर आज भी एक ही नाम आता है - आर्यभट्ट का।

वैदिक युग में इस विश्वविख्यात गणितज्ञ ने जहां विश्व को शून्य का ज्ञान दिया, वहीं इसकी मदद से दशमलव प्रणाली को भी विकसित किया। साथ ही इस महान गणितज्ञ ने द्विघात समीकरण (क्वाड्रेटिक इक्वेशन), त्रिकोणमिति (ट्रिग्नोमैट्री), खगोलीय स्थिरांक (एस्ट्रोनोमिकल कांस्टैंट), अंकगणित (अर्थमैटिक) व बीज गणित (एल्जैब्रा) आदि क्षेत्रों में सरल विधि विश्व को प्रदान की।

इतना ही नहीं, खगोल विज्ञान के क्षेत्र में उन्होंने इस बात की पुष्टि की थी कि पृथ्वी प्रतिदिन अपनी ही धुरी पर घूमती है, न कि सूरज।
यदि हम सिंधु घाटी सभ्यता और मोहनजोदड़ों व हड़प्पा सभ्यता के खुदाई में मिले अवशेषों पर नजर डालें, तो इस बात के साक्ष्य भी प्राप्त होते हैं कि उस समय भी गणित का इस्तेमाल किया जाता था।

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Ramanujan's contribution रामानुजन का योगदान
आधुनिक काल के गणित पर ध्यान दें तो एस. रामानुजन के अनेक योगदान दृष्टिगोचर होते हैं, जिन्होंने मुश्किल समय में न केवल स्वयं गणित सीखा, बल्कि गणित के 3884 प्रमेयों (थ्योरम) का संकलन भी किया। इन्होंने विशेष प्रकार की प्राकृतिक संख्याओं के बारे में बताया, जिन्हें दो अलग जोड़ीदार संख्याओं के घनों (क्यूब) के द्वारा दर्शाया जा सकता है और जिन्हें आज हम सभी ‘रामानुज संख्याओं’ के नाम से जानते हैं।

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Need to remove fear of mathematics from mind मन से गणित का डर दूर करने की जरूरत
वास्तव में जब विद्यार्थी गणित को मात्र एक विषय के रूप में देखते हैं तो वे इससे डरते हैं, परन्तु जब उन्हें इस बात का एहसास हो जाए कि गणित केवल विषय नहीं अपितु जीवन का एक अनिवार्य अंग है तो उनका डर समाप्त हो सकता है। गणित को रुचिकर बनाकर इसके प्रति विद्यार्थियों का भय समाप्त किया जा सकता है क्योंकि गणित का कार्य क्षेत्र स्कूली पाठ्यक्रम से लेकर घर एवं बाजार तक सब जगह है।

अत: गणित का दायरा संकुचित नहीं किया जा सकता। गणित एक ऐसा विषय है जो व्यक्ति को व्यावहारिक बनने में दक्ष करता है। सभी विषयों में होता है गणित का उपयोग। अन्य सभी विषयों में भी गणित की सहायता आवश्यक होती है। फिर चाहे विज्ञान में रासायनिक सूत्रों की बात हो, सामाजिक अध्ययन में वर्ष व जन्मतिथि हो, हिंदी में अंकों की बात की जाए, ड्राइंग में स्केल बनाना और शारीरिक शिक्षा में खेल मैदान की स्थिति स्पष्ट करना, यह सब भी गणित की मदद से सरल होता है।

दैनिक जीवन में ऐसा कोई दिवस नहीं होगा जब गणित का जाने या अनजाने में प्रयोग न किया गया हो। समाचारपत्रों, पत्रिकाओं और समाचार चैनलों में भी इसकी सहायता ली जाती है। जिस प्रकार भोजन में नमक दिखाई न देने पर भी अहम भूमिका निभाता है, उसी प्रकार जीवन में से गणित को निकाल देने का तात्पर्य जीवन को नीरस कर देने के समान है।

गणित से संबंधित पहेलियां और खेल इस विषय को और भी अधिक रोचक बनाने में मदद करते हैं। वैदिक गणित और ओरिगामी (पेपर गणित) इसकी वे शाखाएं हैं, जिनमें नित नए प्रयोग इसकी शिक्षा को सरल रूप प्रदान करते हैं। ओरिगामी में कागज को विभिन्न तरीकों से मोड़कर खेल-खेल में बीज गणित एवं गुणा भाग से संबंधित प्रश्रों को सरलता से सिखाया जाता है।

यदि प्रारंभिक गणित की बात की जाए तो इसकी नींव जमा, घटाव, गुणा, भाग में समाई है और इसमें भी जमा सबसे मुख्य माना जाता है। प्रारंभ में वे विद्यार्थी, जो इन बुनियादी नियमों में दक्ष हो जाते हैं, सरलता से अपने भय पर विजय प्राप्त कर लेते हैं और आगे चलकर गणित में विशेष रुचि लेने लगते हैं। वास्तव में गणित को समझकर किया जा सकता है, रटकर नहीं क्योंकि यह एक वैज्ञानिक विषय है।

पुरातन काल से लेकर आज तक गणित का प्रयोग अनेक या यूं कहे सब व्यवसायों की सफलता के लिए जिम्मेदार है। बैंकिंग, बीमा, शेयर बाजार जैसे व्यवसाय तो पूरी तरह से गणित पर ही निर्भर हैं। महान गणितज्ञ कार्ल फ्रैड्रिक गाऊस ने सही कहा था कि ‘गणित सभी विज्ञानों की रानी’ है। गणित में अच्छी मेहनत करके विद्यार्थी अपने अंकों की प्रतिशतता आसानी से बढ़ा सकते हैं। गणित विद्यार्थियों का मानसिक विकास करके उनमें स्पष्टवादिता, आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद करता है। उनकी बुद्धि को प्रखर बनाता है और उन्हें रोजगार के लिए भी सक्षम करता है।   

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