Edited By Niyati Bhandari,Updated: 02 Apr, 2022 04:24 PM
ब्रह्मचारिणी देवी का पूजन नवरात्रि के दूसरे दिन किया जाता है। देवी का ध्यान करते हुए साधक अपने चित को देवी के चरणों में केंद्रित करते हैं। देवी ब्रह्मचारिणी श्वेत रंग के वस्त्र धारण किए होती हैं। इनके एक
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Chaitra Navratri 2nd Day: ब्रह्मचारिणी देवी का पूजन नवरात्रि के दूसरे दिन किया जाता है। देवी का ध्यान करते हुए साधक अपने चित को देवी के चरणों में केंद्रित करते हैं। देवी ब्रह्मचारिणी श्वेत रंग के वस्त्र धारण किए होती हैं। इनके एक हाथ में जप माला और दूसरे हाथ में कमंडल होता है। ब्रह्मचारिणी का अर्थ होता है तपस्या का आचरण करने वाली। देवी का यह रूप हम संयम, संतोष, निरंतरता, कठोर तपस्या, ब्रह्मचर्य, शांति का वरदान देता है। इनके ध्यान से योगियों को ज्ञान की प्राप्ति होती है। गृहस्थ जीवन में शांति व संतोष का भाव आता है। देवी के पूजन से बृहस्पति ग्रह का प्रभाव शुभ हो जाता है।
देवी का पूजन सफेद पुष्पों से करें। पीले रंग के आसन पर देवी का प्रतिरूप सजाएं। भोग में देवी को दूध व मावा अर्पित करने से मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है।
देवी श्री चरणों का ध्यान करते हुए मन्त्रों का उच्चारण करें। पानी के पात्र को आगे रख कर देवी से आशीर्वाद की प्रार्थना करें। उसके बाद जल का छींटा पूरे घर में दें।
Brahmacharini mantra: या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
आज के दिन बूढ़ी महिला को मेवा और दूध दान करें। ऐसा करने से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी।
दक्षिण मुख हो कर आज के दिन पक्षिओं को दाना डालें। जिससे आपका कोई रुका हुआ कार्य शीघ्र पूरा हो जाएगा।