Edited By Jyoti,Updated: 07 Aug, 2019 01:50 PM
अपनी इस वेबसाइट्स के माध्यम से हम आपको ग्रंथों व पुराणों में लिखी ऐसी बहुत सी बातें बता चुके हैं जिनका मानव जीवन में बहुत अहम महत्व होता है।
ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
अपनी इस वेबसाइट्स के माध्यम से हम आपको ग्रंथों व पुराणों में लिखी ऐसी बहुत सी बातें बता चुके हैं जिनका मानव जीवन में बहुत अहम महत्व होता है। शास्त्रों में वर्णित इन बातों का अमल करके जहां हम शास्त्रों का आदर करते हैं तो वहीं इनसे हमें अनेक प्रकार के लाभ भी प्राप्त होते हैं। मगर आप में से बहुत से ऐसे भी लोग होंगे जिन्हें शास्त्रों पर विश्वास नहीं होगा। तो ऐसे लोगों को बता दें ग्रंथों में लिखी बातें मानव जीवन के हर मोड़ पर कारगार सिद्ध होती है। मगर इन बातों पर यकीन तो वहीं करेगा जिसने इन्हें आजमाया होगा। तो अगर आपको शास्त्रों में वर्णित इन तथ्यों पर किसी भी तरह का कोई शक है तो आज के हमारे इस आर्टिकल में बताई जाने वाली हर बात पर गौर ज़रूर करें।
आचार्य चाणक्य का नाम तो आपने सुना ही होगा, जो प्राचीन समय के बहुत बड़े अर्थशास्त्री और राजीतिज्ञ थे। इसके अलावा चंद्रगुप्त मौर्य ने इनकी ही मदद द्वारा मौर्यवंश की स्थापना की थी। तो आज हम आपको इनके नीतिशास्त्र में लिए एक श्लोक बताने वाले हैं जिसमें इन्होंने 6 ऐसी चीज़ों के बारे में जिन्हें रिश्तेदार मानने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है। हम जानते हैं आपको जानकर हैरानी हुई होगी लेकिन आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति द्वारा इसको स्पष्ट किया है।
श्लोक-
सत्यं माता पिता ज्ञानं धर्मो भ्राता दया सखा।
शान्तिः पत्नी क्षमा पुत्रः षडेते मम बान्धवाः॥
अर्थात-
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति सच बोलता है उसकी हमेशा विजय होती है। इनके अनुसार सत्य को अपनी माता मान लेने वाले व्यक्ति के आगे खुद ब खुद सफलता की सीढ़ी तक पहुंचने के रास्ते बन जाते हैं। तो वहीं शास्त्रों में कहा गया है सच बोलने वाले व्यक्ति की हर जगह सराहना होती है। इसलिए सत्य को हमेशा अपना रिश्तेदार मानें।
दूसरा है ज्ञान जिसे हर व्यक्ति को अपना रिश्तेदार मानना चाहिए। जहां सत्य मां तो वहीं चाणक्य के अनुसार ज्ञान को हमेशा पिता के समान मानना चाहिए। क्योंकि इनका मानना था कि धन तो आता-जाता रहता है, लेकिन ज्ञान एक ऐसी चीज़ है जो हमेशा आपके पास रहती है।
जो लोग अच्छे कर्म करते हुए धर्म का संचय करते हैं, शास्त्रों के अनुसार उनका जन्म सफल माना जाता है। इसलिए धर्म को हमेशा भाई की तरह मानना चाहिए।
प्रत्येक व्यक्ति को अपना स्वभाव शांत और संतोष वाला रखना चाहिए। क्योंकि शांत मन से ही कोई भी कार्य अच्छे से पूरे किए जा सकते हैं। कहा जाता है जो व्यक्ति शांति को पत्नी की तरह रखता है, उसे जीवन में कभी कोई समस्या का सामना नहीं करना पड़ता।
आख़िर में चाणक्य कहते हैं क्षमा यानि किसी की गलती को माफ़ कर देना बहुत बड़ा पुण्य का काम माना जाता है। जो व्यक्ति क्षमा को संतान के समान मानता है तो उसे जीवन में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है।