Edited By Prachi Sharma,Updated: 29 Jun, 2025 09:05 AM

Chanakya Niti: प्राचीन भारत के महान राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और विद्वान आचार्य चाणक्य ने जीवन के हर पहलू को लेकर अनेक शिक्षाएं दी हैं, जिन्हें हम चाणक्य नीति के रूप में जानते हैं। चाणक्य का मानना था कि यदि व्यक्ति दिन की शुरुआत सही आदतों से करे, तो...
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Chanakya Niti: प्राचीन भारत के महान राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और विद्वान आचार्य चाणक्य ने जीवन के हर पहलू को लेकर अनेक शिक्षाएं दी हैं, जिन्हें हम चाणक्य नीति के रूप में जानते हैं। चाणक्य का मानना था कि यदि व्यक्ति दिन की शुरुआत सही आदतों से करे, तो वह जीवन में बड़ी से बड़ी सफलता प्राप्त कर सकता है। आज के समय में भी उनकी ये शिक्षाएं उतनी ही प्रासंगिक हैं। चाणक्य ने खासतौर पर सुबह की आदतों को जीवन के निर्माण में अत्यंत आवश्यक माना है।
प्रातःकाल जल्दी उठना
चाणक्य कहते हैं जो व्यक्ति सूर्योदय से पहले उठता है, उसके जीवन में आलस्य, रोग और निर्धनता नहीं टिकते। सुबह जल्दी उठने से शरीर और मस्तिष्क दोनों को ऊर्जा मिलती है। ब्रह्ममुहूर्त को विशेष फलदायक माना गया है क्योंकि यह समय ध्यान, योग, अध्ययन और आत्म-चिंतन के लिए सबसे उपयुक्त होता है। चाणक्य मानते थे कि इस समय प्रकृति की ऊर्जा सबसे शुद्ध होती है, जिससे व्यक्ति की एकाग्रता और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है।

आत्मनिरीक्षण और चिंतन
चाणक्य के अनुसार प्रतिदिन सुबह उठकर व्यक्ति को यह सोचना चाहिए कि वह जीवन में क्या कर रहा है और क्या वह सही मार्ग पर है। सुबह का समय शांत होता है, यह आत्मनिरीक्षण के लिए आदर्श होता है। चाणक्य नीति सिखाती है कि सफलता प्राप्त करने के लिए सबसे पहले स्वयं को जानना जरूरी है। आत्मनिरीक्षण से हम अपनी गलतियों को पहचान सकते हैं, अपनी कमियों को दूर कर सकते हैं और बेहतर निर्णय ले सकते हैं।
शारीरिक व्यायाम और ध्यान
चाणक्य मानते थे कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। उन्होंने कहा था जो व्यक्ति अपने शरीर की उपेक्षा करता है, वह जीवन में दीर्घकालिक सफलता नहीं पा सकता। सुबह उठकर व्यायाम और ध्यान करना न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि मानसिक तनाव को भी कम करता है। चाणक्य नीति में बताया गया है कि सफल व्यक्ति वह होता है जो शरीर और मन दोनों पर नियंत्रण रखता है। ध्यान से एकाग्रता बढ़ती है और व्यायाम से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है, जिससे आप दिनभर कार्यक्षम रहते हैं।

दिन की योजना बनाना
चाणक्य ने स्पष्ट रूप से कहा है जो व्यक्ति बिना योजना के दिन की शुरुआत करता है, वह सफलता से कोसों दूर रहता है। सुबह का समय आने वाले दिन की योजना बनाने के लिए सबसे उपयुक्त होता है। चाणक्य नीति के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति को यह पता होना चाहिए कि वह दिन में क्या करना चाहता है, क्या प्राथमिकताएं हैं और किन कार्यों को पहले करना है। इससे समय का सही उपयोग होता है और व्यक्ति लक्ष्य के करीब पहुंचता है। योजना के बिना किया गया प्रयास अधिकतर व्यर्थ जाता है।
