Edited By Prachi Sharma,Updated: 04 Jul, 2025 07:29 AM

Chanakya Niti: भारत के महानतम विचारकों में से एक, आचार्य चाणक्य न सिर्फ एक कुशल राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री थे, बल्कि एक महान शिक्षक और जीवनदृष्टा भी थे। उनकी नीति, जिसे आज चाणक्य नीति कहा जाता है, केवल राजनीति और प्रशासन तक सीमित नहीं है
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Chanakya Niti: भारत के महानतम विचारकों में से एक, आचार्य चाणक्य न सिर्फ एक कुशल राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री थे, बल्कि एक महान शिक्षक और जीवनदृष्टा भी थे। उनकी नीति, जिसे आज चाणक्य नीति कहा जाता है, केवल राजनीति और प्रशासन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हर व्यक्ति के जीवन में मार्गदर्शन देने वाली एक अमूल्य धरोहर है। विशेष रूप से विद्यार्थियों के लिए चाणक्य की नीतियां अत्यंत उपयोगी हैं क्योंकि ये उन्हें न केवल शैक्षणिक सफलता बल्कि संपूर्ण जीवन में सफलता पाने की दिशा देती हैं।
विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व
चाणक्य कहते हैं विद्यार्थी, सेवक और साधक के लिए अनुशासन सबसे बड़ा गुण है। इसका तात्पर्य यह है कि एक छात्र को यदि अपने जीवन में कुछ बड़ा हासिल करना है, तो सबसे पहले उसे अपने समय और आदतों पर नियंत्रण रखना होगा। देर रात तक जागना, दिन भर मोबाइल या टीवी में समय बर्बाद करना, यह सब एक विद्यार्थी की सफलता में रुकावट बनते हैं। अनुशासन ही वह आधार है जिस पर सफलता की इमारत खड़ी होती है।

ज्ञान ही सबसे बड़ा धन है
चाणक्य ने कहा था जो व्यक्ति धन खो देता है, वह कुछ खोता है लेकिन जो ज्ञान खो देता है, वह सब कुछ खो देता है। विद्यार्थियों के लिए यह बात अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे जिस ज्ञान को आज अर्जित कर रहे हैं, वही भविष्य में उन्हें सफलता और सम्मान दिलाएगा। इसलिए पढ़ाई को बोझ न समझें, बल्कि इसे जीवन का निवेश मानें।
संगत का प्रभाव
चाणक्य नीति में यह कहा गया है संगति का प्रभाव बहुत गहरा होता है। बुरे लोगों की संगत, अच्छे व्यक्ति को भी भ्रष्ट कर सकती है। विद्यार्थी जीवन में यह बात बहुत मायने रखती है। जिस तरह आप अपने दोस्तों और साथियों के साथ समय बिताते हैं, उसी तरह की आदतें आप में विकसित होती हैं। यदि आप उन लोगों के साथ हैं जो केवल मस्ती, टाइमपास और गैर-ज़रूरी चीजों में समय लगाते हैं, तो आप भी धीरे-धीरे वैसा ही बन जाएंगे।

लक्ष्य पर केंद्रित रहना
विद्यार्थियों को यह बात समझनी चाहिए कि उन्हें क्या बनना है, क्या करना है यह स्पष्ट होना चाहिए। एक बार लक्ष्य तय हो जाए, तो फिर उसी दिशा में मेहनत करनी चाहिए। बीच में आने वाले मनोरंजन, आराम या शॉर्टकट्स से खुद को दूर रखें क्योंकि सफलता उन्हीं को मिलती है जो लक्ष्य के प्रति ईमानदारी और समर्पण से जुड़े रहते हैं।
धैर्य और निरंतरता
आज के समय में छात्रों में तुरंत सफलता पाने की बेचैनी बढ़ती जा रही है लेकिन सच्चाई यह है कि कोई भी बड़ी सफलता रातों-रात नहीं मिलती। हर दिन थोड़ा-थोड़ा आगे बढ़ने वाला व्यक्ति अंततः बहुत आगे निकल जाता है इसलिए चाणक्य की इस नीति को अपनाते हुए हर दिन अपने लक्ष्य की ओर एक कदम जरूर बढ़ाएं।
