Edited By Prachi Sharma,Updated: 20 Aug, 2025 06:42 AM

Radha Ashtami 2025: हिंदू धर्म में राधा रानी की पूजा का अत्यंत महत्व है। राधा रानी को प्रेम की देवी माना जाता है और उनका जन्मदिन राधा अष्टमी के रूप में बड़ी श्रद्धा से मनाया जाता है। राधा अष्टमी की तिथि भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव यानी जन्माष्टमी के...
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Radha Ashtami 2025: हिंदू धर्म में राधा रानी की पूजा का अत्यंत महत्व है। राधा रानी को प्रेम की देवी माना जाता है और उनका जन्मदिन राधा अष्टमी के रूप में बड़ी श्रद्धा से मनाया जाता है। राधा अष्टमी की तिथि भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव यानी जन्माष्टमी के बाद आती है। वर्ष 2025 में यह शुभ पर्व कब पड़ रहा है, इसे जानना भक्तों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है ताकि वे इस पावन दिन को विधिपूर्वक मना सकें। इस आर्टिकल में हम राधा अष्टमी 2025 की तारीख, इसका जन्माष्टमी से संबंध, पूजा मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि के बारे में विस्तार से जानेंगे।
When is Radha Ashtami राधा अष्टमी 2025 कब है ?
राधा अष्टमी हिंदू कैलेंडर के भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। यह तिथि भगवान कृष्ण की जन्माष्टमी के लगभग 15 दिनों बाद आती है। वर्ष 2025 में राधा अष्टमी 31 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी। इसका मतलब है कि राधा रानी का जन्मदिन जन्माष्टमी के लगभग पंद्रह दिन बाद पड़ता है।
जन्माष्टमी और राधा अष्टमी का संबंध जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है जो भक्ति और आनंद का पर्व है। वहीं राधा अष्टमी उनके सच्चे प्रेम और भक्ति की प्रतीक राधा रानी के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। भगवान कृष्ण और राधा जी का प्रेम अद्वितीय माना जाता है, जो भगवान और भक्त के बीच के परम प्रेम का उदाहरण है। इसलिए जन्माष्टमी के बाद राधा अष्टमी का उत्सव इस दिव्य प्रेम की महिमा को याद दिलाता है।
राधा अष्टमी का महत्व
राधा अष्टमी का पर्व प्रेम, भक्ति और समर्पण का संदेश देता है। राधा रानी की भक्ति से जीवन में प्रेम, शांति और सुख की प्राप्ति होती है। इस दिन भक्त विशेष रूप से राधा रानी की पूजा-अर्चना करते हैं और उनके प्रति अपने प्रेम और श्रद्धा का इजहार करते हैं। माना जाता है कि इस दिन किया गया व्रत, पूजा और जप भक्तों के जीवन की सभी बाधाओं को दूर कर देता है और सौभाग्य तथा समृद्धि लाता है।

Radha Ashtami Puja Samagri राधा अष्टमी पूजा में लगने वाली सामग्री
राधा-कृष्ण की मूर्ति या चित्र
सफेद, गुलाबी, लाल या पीले रंग के ताजे फूल
दीपक, अगरबत्ती या धूप
पवित्र जल
अक्षत, मिठाई, फल
पान के पत्ते, सुपारी
लाल या गुलाबी रंग के वस्त्र
शंख या घंटी
Method of performing Radha Ashtami Puja राधा अष्टमी पूजा करने की विधि:
पूजा से पहले स्वच्छ कपड़े पहनकर स्नान कर लें। मन और शरीर दोनों को शुद्ध करें।
पूजा स्थल को साफ करें। वहां राधा-कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। आसपास फूलों और रंगोली से सजावट करें।
सबसे पहले भगवान और देवी को प्रणाम करें। हाथ जोड़े और मन से वंदना करें।
दीपक जलाएं और धूप लगाएं। राधा रानी के मंत्र का जाप करें-
ॐ राधायै नमः
इस मंत्र का 108 बार जाप करने से विशेष फल मिलता है।
फूल, अक्षत, फल, मिठाई और नैवेद्य देवी को अर्पित करें। हल्दी, कुमकुम और चंदन से तिलक लगाएं।
घी या तेल का दीपक लेकर आरती करें। आरती के दौरान भजन या कीर्तन करें, जैसे “राधे राधे” का जाप या राधा-कृष्ण के भजन।
