Edited By Sarita Thapa,Updated: 21 Dec, 2025 04:28 PM

हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को केवल एक वनस्पति नहीं, बल्कि साक्षात लक्ष्मी का रूप माना जाता है। हर साल की तरह, वर्ष 2025 में भी तुलसी पूजन दिवस 25 दिसंबर, गुरुवार को पूरे उत्साह के साथ मनाया जाएगा।
Tulsi Pujan Diwas 2025 : हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को केवल एक वनस्पति नहीं, बल्कि साक्षात लक्ष्मी का रूप माना जाता है। हर साल की तरह, वर्ष 2025 में भी तुलसी पूजन दिवस 25 दिसंबर, गुरुवार को पूरे उत्साह के साथ मनाया जाएगा। हालांकि कुछ गणनाओं में 24 दिसंबर की शाम से तिथि शुरू हो रही है, लेकिन उदयातिथि के अनुसार 25 दिसंबर ही पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ और शास्त्रसम्मत दिन है।
कब है तुलसी पूजन दिवस 2025?
इस वर्ष तुलसी पूजन दिवस 25 दिसंबर 2025, गुरुवार को मनाया जाएगा। वैसे तो हिंदू कैलेंडर के अनुसार तुलसी विवाह देवउठनी एकादशी को संपन्न होता है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस मनाने की परंपरा काफी लोकप्रिय हुई है।

क्यों मनाया जाता है तुलसी पूजन दिवस?
तुलसी पूजन की शुरुआत मुख्य रूप से भारतीय संस्कृति के संरक्षण और प्रकृति के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए की गई थी। पौराणिक रूप से, तुलसी को विष्णुप्रिया कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन जो व्यक्ति सच्चे मन से तुलसी की पूजा करता है, उसके घर में दरिद्रता का नाश होता है और मानसिक शांति मिलती है।
तुलसी पूजन की विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
तांबे के लोटे से तुलसी की जड़ में जल अर्पित करें। जल देते समय 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें।
तुलसी माता को लाल चुनरी ओढ़ाएं और उन्हें सुहाग की सामग्री अर्पित करें।
शाम के समय तुलसी के पास गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं। ध्यान रखें कि दीपक की लौ उत्तर दिशा की ओर हो।
तुलसी माता को मिठाई और फलों का भोग लगाएं।
तुलसी के पौधे की 7, 11 या 21 बार परिक्रमा करें।
