Radha Ashtami Katha: किशोरी जी का जन्म हुआ था या प्राकट्य, राधा अष्टमी पर पढ़ें कथा

Edited By Updated: 30 Aug, 2025 06:35 AM

radha ashtami katha

Shri Radha Rani ki Janm katha: राधा का जन्म कोई सामान्य जन्म नहीं था बल्कि शक्ति और भक्ति के अवतार के रूप में हुआ। वे परम प्रेम, समर्पण और भक्ति की मूर्ति हैं। श्रीकृष्ण और राधा का संबंध जीव और परमात्मा के मिलन का प्रतीक है इसीलिए राधा को कृष्ण से...

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Shri Radha Rani ki Janm katha: राधा का जन्म कोई सामान्य जन्म नहीं था बल्कि शक्ति और भक्ति के अवतार के रूप में हुआ। वे परम प्रेम, समर्पण और भक्ति की मूर्ति हैं। श्रीकृष्ण और राधा का संबंध जीव और परमात्मा के मिलन का प्रतीक है इसीलिए राधा को कृष्ण से भी बढ़कर पूज्य माना जाता है क्योंकि बिना राधा के कृष्ण की लीला अधूरी है। राधा रानी की जन्म कथा अत्यंत पवित्र और रहस्यमयी है। शास्त्रों और पुराणों में इसके कई रूप मिलते हैं लेकिन सार यही है कि राधा रानी स्वयं श्रीकृष्ण की अनन्त शक्ति-ह्लादिनी शक्ति का अवतार हैं। राधा रानी का जन्म माता के गर्भ से नहीं बल्कि योगमाया के सहयोग से हुआ था।

PunjabKesari Radha Ashtami Katha

Radha Rani Janm katha राधा रानी जन्म कथा
एक प्रसिद्ध मान्यता के अनुसार, रावली ग्राम (बरसाना के समीप) में वृषभानु और उनकी पत्नी कीर्ति देवी रहते थे। कीर्ति देवी बहुत धर्मपरायण थी परंतु संतान-सुख से वंचित थी। एक दिन उन्होंने यमुना तट पर तपस्या की, तभी आकाशवाणी हुई, “हे देवी, तुम्हें स्वयं लक्ष्मी स्वरूपा कन्या प्राप्त होगी, जो श्रीकृष्ण की अनन्त प्रेयसी और शक्ति का अवतार होगी।”

PunjabKesari Radha rani

कुछ समय बाद कीर्ति देवी ने एक कन्या को कमल के फूल पर प्रकट होते हुए देखा। उसी कन्या को वे अपने घर ले आईं। यही राधा थीं।

PunjabKesari Radha Ashtami Katha

Radha Rani Appearance Story राधा रानी प्राकट्य कथा

अन्य किवंदती के अनुसार बाबा वृषभानु नदी में स्नान कर रहे थे। एक कमल का फूल पानी में तैरता हुआ उनके पास आया। जिस पर राधारानी थी। उन्हें वे भगवान का प्रसाद मानकर अपनी पुत्री बनाकर घर ले आए।

PunjabKesari Radha

जन्म के समय राधा रानी की आंखें नहीं खुली थी। कहते हैं कि उन्होंने अपनी आंखें केवल श्रीकृष्ण के दर्शन के समय खोली। श्रीकृष्ण के स्पर्श मात्र से राधा ने नेत्र खोले और मुस्कुराईं। यह इस बात का प्रतीक है कि राधा का जीवन और चेतना केवल कृष्ण से जुड़ी है।

राधारानी का जन्म रावल गांव में हुआ, जो यमुना तट पर स्थित है। राधारानी का बचपन रावल, बरसाना और वृंदावन में बीता। वे सदा श्रीकृष्ण की लीला में सहभागी रही।

PunjabKesari Radha Ashtami Katha

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!