Edited By Niyati Bhandari,Updated: 31 Jul, 2023 08:09 AM
अयोध्या (इंट.): मकर संक्रांति और गणतंत्र दिवस के बीच रामलला अपने भव्य और दिव्य गृह में विराजमान हो जाएंगे। रामलला के दर्शन के लिए ‘जन्मभूमि पथ’ शुरू हो गया है।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
अयोध्या (इंट.): मकर संक्रांति और गणतंत्र दिवस के बीच रामलला अपने भव्य और दिव्य गृह में विराजमान हो जाएंगे। रामलला के दर्शन के लिए ‘जन्मभूमि पथ’ शुरू हो गया है। बिड़ला धर्मशाला से सुग्रीव किला होते हुए रामलला के दरबार श्रद्धालु आसानी से पहुंच सकेंगे। रामलला के जयकारों के साथ द्वितीय बेला में जन्मभूमि पथ भक्तों के लिए खोल दिया गया है। अब से प्रवेश और निकास दोनों ही जन्मभूमि पथ से होगा। इसको लेकर राम भक्तों में भारी उत्साह है। 100 फुट चौड़ा श्री राम जन्मभूमि मार्ग भक्तों के लिए खोल दिया गया है। नवीन मार्ग से राम जन्मभूमि पर बन रहे मंदिर की विराट झलक देख भक्त प्रसन्न हो रहे हैं।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि नवीन मार्ग से रामलला की दर्शन दूरी 500 मीटर कम हो गई है। उन्होंने बताया कि बिड़ला मंदिर के सामने नवीन मार्ग बना है और पुराना दर्शन मार्ग मंदिर निर्माण कार्य में प्रयोग किया जाएगा। नवीन मार्ग में पुलिस का अवरोध कम होगा, इसके साथ ही भक्तों को नवीन मार्ग राम जन्मभूमि पथ पर 600 मीटर ही चलना पड़ेगा।
दर्शन मार्ग बदले जाने से जहां रामलला के दर्शनार्थियों को कहीं अधिक सुगम, प्रशस्त तथा 500 मीटर की दूरी कम करने वाला मार्ग उपलब्ध हुआ है, वहीं मंदिर का परकोटा निर्माण भी कारण माना जा रहा है। परकोटा निर्माण के लिए यह जरूरी माना जा रहा था कि पारंपरिक दर्शन मार्ग से मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का प्रवेश रोका जाए। नवनिर्मित राम जन्म भूमि मार्ग अभी पूरा नहीं हुआ है, किंतु इतना जरूर बन गया है कि श्रद्धालुओं का उस पर आवागमन सुनिश्चित हो गया है।