Edited By Deeksha Gupta,Updated: 12 Sep, 2019 05:10 PM
13 सितंबर 2019, शुक्रवार को बर्षों बाद दुर्लभ पूर्ण चंद्रमा दिखाई देगा... दरअसल ये पूर्ण चंद्रमा कई बर्षों के बाद 13वीं बार दिखाई देने वाला है... इसलिए ये सप्ताह बहुत ही भयभीत करने वाला होगा और रातें भी डरावनी होंगी... ये तिथि दुर्भाग्य के साथ...
13 सितंबर 2019, शुक्रवार को बर्षों बाद दुर्लभ पूर्ण चंद्रमा दिखाई देगा| दरअसल ये पूर्ण चंद्रमा कई बर्षों के बाद 13वीं बार दिखाई देने वाला है| इसलिए ये सप्ताह बहुत ही भयभीत करने वाला होगा और रातें भी डरावनी होंगी| ये तिथि दुर्भाग्य के साथ संबंधित है और साथ ही प्रेतबाधित घरों के लिए तो ये चंद्रमा एक अभिशाप की तरह होगा|
किसानों के पंचाग के अनुसार जो लोग पेसिफिक प्रशांत, मध्य और पहाड़ी क्षेत्रों में रहते हैं वे 13 सितंबर को आधी रात से पहले चंद्रमा देख पाएंगे लेकिन जो लोग पूर्वी क्षेत्र में रहते हैं उनकी पूर्णिमा 14 सितंबर की आधी रात 12:33 पर शुरू होगी| बता दें कि पूर्वी तटवर्ती क्षेत्रों में पिछली बार 13 जून 2014, शुक्रवार को पूर्ण चंद्रमा दिखाई देगा तो वहीं इससे पहले राष्ट्रव्यापी शुक्रवार को 13वां पूर्ण चंद्रमा 13 अक्टूबर 2000 को देखा गया था| और अब 13 सितंबर 2019 के बाद ये दुलर्भ पूर्ण चंद्रमा 13 अगस्त 2049 को देखा जाएगा
सितंबर में दिखाई देने वाले दुलर्भ पूर्ण चंद्रमा को शरदचंद्र (Harvest Moon) कहा जाएगा | लेकिन उस शानदार चमकीले सुपरमून के विपरीत, जिसने फरवरी में वापस इतनी शानदार तस्वीरों में अभिनय किया था, यह उससे 14 प्रतिशत छोटा दिखाई देगा, जिससे कुछ इसे माइक्रो मून कह सकते हैं|
इसे क्यों कहा जाएगा शरदचंद्र ?
आम तौर पर सूर्यास्त के औसतन 50 मिनट बाद चंद्रमा दिखाई देना शुरू होता है, लेकिन शरद ऋतु के विषुव के कारण सूर्यास्त के तुरंत बाद हार्वेस्ट चंद्रमा आता है। ये चंद्रमा, साधारण चंद्रमा की अपेक्षा शाम को जल्दी चांदनी बिखेर देता है| जो अतीत में किसानों के लिए उनकी गर्मियों में उगाई जाने वाली फसलों की कटाई के साथ एक पारंपरिक सहयोगी था | इसलिए इस चंद्रमा को "हार्वेस्ट" चंद्रमा यानी शरद चंद्रमा का नाम दिया गया |
इस फुल मून से बचकर रहना होगा !
नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि लोग हार्वेस्ट मून को देख सकते हैं| लेकिन आपको इस फुल मून से बचकर रहना होगा| इसके पीछे कोई धार्मिक कारण नहीं है, बल्कि साइंस है| साइंस के मुताबिक चांद आपको बीमार बना सकता है.. सामान्य तौर पर चांद का सेहत से कोई रिश्ता नजर नहीं आता, मगर दुनिया भर में कई ऐसे रिसर्च हुए हैं, जो चांद का सेहत से कनेक्शन जोड़ते नजर आते हैं|
फुल मून का सेहत पर क्या असर पड़ता है ?
पूर्णिमा के दिन पृथ्वी पर चन्द्रमा का गुरुत्वाकर्षण बढ़ जाता है। जिससे मूड स्विंग्स होता है| कभी डिप्रेशन फील होता है, तो कभी गुस्सा आता है| कुछ को घबराहट महसूस होती है| चन्द्रमा के बढऩे के साथ लोगों के व्यवहार में तेजी से बदलाव आता है, नींद कम होती है, सिरदर्द की समस्या में वृद्धि और शरीर में तेजी से हॉर्मोन बदलाव होते हैं। जर्नल करंट बायोलॉजी में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक फुल मून से पहले और बाद के चार दिनों में सामान्य नींद की अपेक्षा 30 प्रतिशत कम नींद लोग लेते हैं|