सर्वपितृ अमावस्या है बहुत महत्वपूर्ण, आज कर लें ये काम

Edited By Jyoti,Updated: 25 Sep, 2022 10:58 AM

sarv pitru amavasya

हिंदू धर्म और हमारे शास्त्रों में सर्वपितृ अमावस्या को बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है। इसे महालया अमावस्या भी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान 16 दिनों तक पितरदेव स्वर्ग लोक से अपने परिजनों के बीच आते हैं और श्रद्धा पूर्वक भोजन ग्रहण कर...

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू धर्म और हमारे शास्त्रों में सर्वपितृ अमावस्या को बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है। इसे महालया अमावस्या भी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान 16 दिनों तक पितरदेव स्वर्ग लोक से अपने परिजनों के बीच आते हैं और श्रद्धा पूर्वक भोजन ग्रहण कर तृप्ति होते हैं। हमारे शास्त्रों में यह भी वर्णित है कि सर्वपितृ अमावस्या के दिन उन पितरों का भी श्राद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु की तिथि का पता न हो या फिर किसी कारण वश पहले श्राद्ध न पाए हो। सर्वपितृ अमावस्या के दिन सभी पितरों का श्राद्ध किया जा सकता है।

अश्विन मास की अमावस्या तिथि को सर्वपितृ अमावस्या के नाम से जानते हैं। पंचांग के अनुसार इस साल 25 सितंबर 2022 को सर्व पितृ अमावस्या है।  इस बार सर्व पितृ अमावस्या के दिन कन्या राशि में ग्रहों का खास संयोग भी रहेगा। सर्वपितृ अमावस्या तिथि 25 सितंबर को सुबह 3 बजकर 10 से मिनट से शुरू होगी और अमावस्या तिथि 26 सितंबर को सुबह 3 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए सर्वपितृ अमावस्या 25 सितंबर को मनाई जाएगी।

सर्वपितृ अमावस्या श्राद्ध पक्ष की आखिरी तिथि होती है फिर इसके अगले दिन शारदीय नवरात्रि आरंभ हो जाते हैं। शास्त्रों में इस तिथि को सर्वपितृ अमावस्या या मोक्षदायिनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस तिथि पर ज्ञात,अज्ञात सभी पितरों के श्राद्ध का विधान है,जिन लोगों को अपने परिजनों की मृत्यु की तिथि याद नहीं होती है तो वो भी इस दिन अपने पितरों का तर्पण और श्राद्ध कर सकते हैं। इस दिन तर्पण,श्राद्ध और पिंडदान करने से पितर प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद देते हुए वापस स्वर्गलोक चले जाते हैं। सर्वपितृ अमावस्या पर पितरों को तर्पण और श्राद्ध करने के कई तरह नियम और विधान होते हैं जिनका पालन करना होता है।

सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए ब्राह्मणों को भोजन कराकर और दक्षिणा देकर उन्हें विदा करना चाहिए। ब्राह्मणों को भोजन कराने के साथ इस तिथि पर गाय,श्वान और कौए को भोजन अवश्य कराना चाहिए, ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होंगे। सर्वपितृ अमावस्या के दिन पशु-पक्षियों,जीव-जंतुओं को शक्कर के साथ आटा खिलाएं। हरा चारा खिलाएं । ऐसा करने से आपको कष्टों से मुक्ति मिलेगी। पितृपक्ष में पशु पक्षियों को अन्न-जल देने से विशेष लाभ मिलता है। ऐसी मान्यता है कि इनको भोजन देने से स्वयं पितरों को भोजन प्राप्त हो जाता है।

वैसे तो शास्त्रों के अनुसार सर्वपितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध का अधिकार मृतक के बड़े पुत्र को होता है। हालांकि अगर मृतक का कोई अपना पुत्र नहीं हो तो ऐसे में उनके सगे भाई या उनके पुत्र श्राद्ध कर सकते हैं। इसके अलावा अगर वो भी न हों तो ऐसे में मृतक की पत्नी श्राद्ध कर सकती हैं। 

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं । अपनी जन्म तिथि अपने नाम , जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर वाट्स ऐप करें
PunjabKesari

सर्वपितृ अमावस्या पर किस तरह श्राद्ध करना चाहिए- 
इस दिन प्रात: काल उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद साफ सुथरे सफेद रंग के वस्त्र धारण कर लें। अब पितरों का तर्पण करने के लिए दक्षिण दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं। इसके बाद एक तांबे के लोटे में जल में थोड़ा सा गंगाजल डाल लें। इसके साथ ही काले तिल, कच्चा दूध और थोड़ा सा कुश डाल लें। इस जल को धीमे-धीमे जमीन में गिराते हुए पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें।

इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराना लाभकारी माना जाता है। भोजन में खीर अवश्य बनाएं।

बनाएं गए भोजन से 5 हिस्से जरूर निकाल दें।

यह हिस्से कौवा, गाय, कुत्ता, चींटी और देवताओं के लिए निकाल दें।

इसके बाद ब्राह्मणों को भोजन कराकर योग्यतानुसार दक्षिण दें। इसके बाद अन्य लोग भोजन करें।

अगर आप व्यापक तरीके से भोजन कराने में सामर्थ्य नहीं है, तो शाक सब्जी ही दान कर सकते हैं।

इस दिन ॐ पितृ दैवतायै नमः- मंत्र का 108 बार जप करने से पितर प्रसन्न होते हैं और जीवन के कष्ट दूर होते हैं।

सर्वपितृ अमावस्या के दिन अंडा, मांस, मछली या मदिरा पान के सेवन से बचना चाहिए। इसके अलावा इस दिन हो सके  तो लहसुन, प्याज या तामसिक भोजन खाने से भी बचना चाहिए।  इस दिन साधारण और सात्विक भोजन ही करें। 

पितृ अमावस्या के दिन हमको जाने अनजाने किसी गरीब और असहाय का अपमान नहीं करना चाहिए और न ही इन्हें प्रताड़ित करना चाहिए। ऐसा करने से आप पाप के भागीदार भी बनेंगे और पितरों के आशीर्वाद से भी वंचित रह जाएंगे। इस दिन किसी को अपशब्द न कहें और न ही किसी का अपमान करें।

गुरमीत बेदी
Contact no 9418033344 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!