Saturn transit 2022: कुम्भ राशि वालों के लिए कैसा रहेगा शनि का राशि परिवर्तन !

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 28 Jan, 2022 08:24 AM

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शनिदेव इस साल यानी साल 2022 में दो बार अपना राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। शनि देव हर

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Shani transit 2022: शनिदेव इस साल यानी साल 2022 में दो बार अपना राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। शनि देव हर अढ़ाई साल के बाद अपनी राशि बदलते हैं और ज्योतिष के राशि चक्र की सभी 12 राशियों के भ्रमण में 30 साल लगाते हैं। एक राशि में अपना सफर पूरा करने के बाद शनि देव को उसी राशि में आने में 30 साल लग जाते हैं।

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शनिदेव 29 अप्रैल 2022 को सुबह 7 बजकर 52 मिनट पर मकर से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। शनि 30 साल बाद अपनी कुम्भ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं और उनके कुंभ में प्रवेश करते ही कर्क और वृश्चिक वालों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जायेगी। साथ ही मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी।

29 अप्रैल 2022 को शनि देव कुंभ राशि में आने के बाद सभी 12 राशियों को प्रभावित करेंगे। इस बार विलक्षण संयोग भी बन रहा है कि 29 अप्रैल को मकर राशि से कुंभ राशि में जाने के अढाई महीने बाद 12 जुलाई 2022 को फिर उल्टी गति चलते हुए यानी वक्री अवस्था में शनिदेव फिर से मकर राशि में आ जाएंगे और 17 जनवरी 2023 तक मकर राशि में रहने के बाद फिर से कुंभ राशि में जाएंगे। इस तरह वर्ष 2022 में पहले 29 अप्रैल और फिर 12 जुलाई को शनि के दो बार राशि परिवर्तन से सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इस बारे में आपको बताया जाएगा।

हमारे ज्योतिष में और नवग्रहों में शनि देव को एक प्रमुख स्थान हासिल है। इन्हें न्याय का देवता और कर्म का कारक माना गया है। ऐसा माना जाता है कि शनि देव जिस पर प्रसन्न हो जाएं, उसे रंक से राजा बना देते हैं और जिन पर उनकी क्रूर दृष्टि पड़ती है, उस व्यक्ति की मुसीबतें बढ़ जाती हैं। ऐसा भी माना जाता है कि हमारे इसी जीवन में शनि हमारे कर्मों के मुताबिक हमें फल देते हैं।

जन्म कुंडली में शनि की शुभ स्थिति जहां लाभ प्रदान करती है, वहीं अशुभ स्थिति जीवन में दिक्कत, परेशानी और आर्थिक संकटों का कारण भी बनती है। यही कारण है कि शनि देव को हर कोई शांत रखना चाहता है और हर कोई शनि की कृपा पाने को लालायित रहता है।

शनि देव नाराज होने पर धन में कमी लाते हैं, धन हानि कराते हैं। जॉब और बिजनेस में दिक्कतें पैदा करते हैं। यहां तक कि कई बार जॉब से भी व्यक्ति को हाथ धोना पड़ता है। इस दौरान रोग भी घेर लेते हैं, दांपत्य जीवन में भी दिक्कतें आने लगती हैं। व्यक्ति की जमा पूंजी नष्ट हो जाती है। कर्ज बढ़ जाता है।

शनिदेव अपनी साढ़ेसाती, ढैया और अपनी महादशा व अंर्तदशा में व्यक्ति को सबसे अधिक प्रभावित करते हैं। शनि देव व्यक्ति के कर्मों के आधार पर फल प्रदान करने वाले देवता के रूप में जाने जाते हैं।

वैदिक ज्‍योतिष में शनि को सबसे मंद गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है और यह एक राशि में अढ़ाई साल तक रहते हैं। यही कारण है कि शनि का प्रभाव व्यक्ति अधिक समय तक रहता है।

29 अप्रैल 2022 को जब शनि देव अपना राशि परिवर्तन करेंगे तो कुम्भ राशि वालों के लिए उनका राशि परिवर्तन कैसा रहेगा ? कुम्भ राशि वाले क्या खोएंगे , क्या पाएंगे ..?  उनके जीवन में क्या अच्छा रहेगा ? कहां दिक्कत रहेगी ? शनि कुम्भ राशि वालों को कैसे फल प्रदान करेंगे और कहां सचेत रहना होगा ?

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शनि कुंभ राशि के स्वामी भी हैं और द्वाद्वेश भी हैं। 1 जनवरी से 29 अप्रैल 2022 तक शनिदेव का आपके 12वें भाव में गोचर जारी रहेगा और 12वें भाव में बैठकर शनि दूसरे, छठे और नवम भाव पर दृष्टि डालेंगे। दूसरा भाव धन का भाव है। सुख का भाव है। छठा भाव रोग व्याधि शत्रु पीड़ा का भाव है जबकि नवम भाव भाग्य का स्थान है। 29 अप्रैल तक की अवधि में कुंभ राशि वाले अपने खर्चों में कटौती करने का प्रयास करेंगे क्योंकि आर्थिक स्थिति ज्यादा बेहतर नहीं होगी। अगर नौकरी पेशा हैं तो ट्रांसफर के योग भी बनेंगे। शत्रु पक्ष थोड़ा परेशान कर सकता है। चोट आदि से बचाव रखना होगा। पुरानी बीमारी से जूझ रहे जातकों को इस अवधि में बार-बार इलाज के लिए अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं। उचित होगा कि इस अवधि में अपने पैरों का विशेष ध्यान रखें। धन हानि के योग भी बनेंगे। लेकिन विदेश में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों और विदेश में नौकरी कर रहे लोगों के लिए शनिदेव की कृपा बरसेगी और उन्हें सफलताएं मिलेंगी। काम के सिलसिले में आप विदेश जाने की योजना भी बना सकते हैं।

29 अप्रैल से 12 जुलाई की अवधि में शनि का गोचर आपके पहले भाव में होगा और पहले भाव में गोचर करते हुए शनि आपके तीसरे , 7वें और 10वें भाव को देखेंगे। तीसरा भाव पराक्रम का,यश और मान का, बदनामी का और भाई-बहन का भाव है। सातवां भाव जीवनसाथी और पार्टनरशिप का भाव है जबकि 10 वां भाव कर्म क्षेत्र, प्रोफैशन, नौकरी और पिता से जुड़ा है। शनि के पहले भाव में गोचर के दौरान सेहत में सुधार आएगा। मैरिड लाइफ बेहतर रहेगी। पार्टनरशिप के अच्छे मौके मिलेंगे और धन लाभ भी होगा परंतु कड़ी मेहनत के बाद ही सफलता प्राप्त होगी। थोड़ा वाद-विवाद से दूर रहना होगा।

12 जुलाई से एक बार फिर शनिदेव उल्टी चाल चलते हुए आपके 12वें भाव में गोचर करने लगेंगे। इससे थोड़ा मन में असमंजस का भाव रहेगा। थोड़ा आर्थिक स्थिति भी डांवाडोल रहेगी। सेहत पक्ष का भी ख्याल रखना होगा लेकिन बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम करने वाले लोगों को सफलता मिलेगी और जो लोग आयात-निर्यात के काम में लगे हैं, उन्हें काफी फायदा होगा।

उपाय: किसी ज़रूरतमंद व्यक्ति को शनिवार के दिन सरसों के तेल का दान करें। अपनी नाभि पर सरसों का तेल लगाएं और पीपल के पेड़ पर मंगलवार और शनिवार की शाम को सरसों के तेल का दीपक जलाएं। गरीबों को अनाज, काला कंबल आदि का दान कर सकते हैं। शनिदेव की कृपा हासिल होगी।

गुरमीत बेदी
gurmitbedi@gmail.com

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