Edited By Jyoti,Updated: 11 Jul, 2019 01:31 PM
इस महीने की 17 तारीख़ को सावन का महीना शुरु होने जा रहा है। इस पावन महीने भगवान शंकर की पूजा की जाने का विधान है।
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इस महीने की 17 तारीख़ को सावन का महीना शुरु होने जा रहा है। इस पावन महीने भगवान शंकर की पूजा की जाने का विधान है। शास्त्रों के अनसार शिव जी अपने इस प्रिय महीने में स्वयं पृथ्वी पर आकर अपने भक्तों की परेशानियां को दूर करते हैं। इसी मान्यता के चलते हर कोई इस महीने में भोलेनाथ को खुश करने में जुट जाता है। मगर परेशानी की बात तो उन लोगों के लिए है जिन्हें शिव जी को खुश करना ही नहीं आता। जिसके चलते वो सावन में महादेव की कृपा से वंचित रह जाते हैं।
ठहरिए-ठहरिए कहीं आप भी ऐसे लोगों की सूची में तो शामिल नहीं? अगर हां, तो घबराईए मत क्योंकि हमारे पास आपकी इस समस्या का समाधान है। जी हां, हम आपको कुछ ऐसा बताएंगे जिसे अगर आप भी इस सावन में अपना लें तो आपकी किस्मत के सितारे बुलंद हो जाएंगे।
इस सावन इस शिव मंत्र से देवों के देव महादेव को प्रसन्न-
प्रात: नित्य कर्म से निवृत हो, स्नान कर भगवान शंकर के साथ-साथ देवी पार्वती व नंदी को पवित्र जल अर्पित करें। फिर शिव जी को चंदन, अक्षत, बिल्व पत्र, धतूरा या आंकड़े के फूल चढ़ाएं।
इसके बाद निम्न मंत्र का जाप करें।
मन्दारमालाङ्कुलितालकायै कपालमालांकितशेखराय।
दिव्याम्बरायै च दिगम्बराय नम: शिवायै च नम: शिवाय।।
श्री अखण्डानन्दबोधाय शोकसन्तापहारिणे।
सच्चिदानन्दस्वरूपाय शंकराय नमो नम:॥
मंत्र जाप के बाद भगवान शिव जी को घी, शक्कर, गेंहू के आटे से बने प्रसाद का भोग लगाएं और धूप, दीप से इनकी आरती करें।
प्रसाद खाने से पहले इसे गुरुजनों, बुजुर्गों और परिवार, मित्रों आदि में वितरित करें।
मान्यता है सावन में उपरोक्त मंत्र का जप करने से त्रिलोकीनाथ बेहज प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी अपार कृपा बरसाते हैं।