Edited By Jyoti,Updated: 09 Mar, 2021 03:50 PM
जीवन है तो एक दिन मृत्यु भी हर किसी को आनी ही है। कुछ लोग इसके बारे में इतना सोचते हैं कि मन में इसे लेकर डर पैदा हो जाता है।
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जीवन है तो एक दिन मृत्यु भी हर किसी को आनी ही है। कुछ लोग इसके बारे में इतना सोचते हैं कि मन में इसे लेकर डर पैदा हो जाता है। परंतु शास्त्रों में कहा जाता है मृत्यु जीवन का एक बहुत बड़ा सत्य है, जिसे हर किसी को स्वीकार करना चाहिए। आज हम मृत्यु से जुड़े उन संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें स्वयं भगवान शंकर ने देवी पार्वती को बताई थी।
शिव पुराण के अनुसार एक बार देवी पार्वती ने भगवान शिव से पूछा क्या कोई ऐसे संकेत होते हैं जिससे यह पता लग जाए कि मनुष्य की मृत्यु होने वाली है? या मनुष्य की मृत्यु निकट है। इस पर उत्तर देते हुए भगवान शिव ने कहा अवश्य देवी और वे देवी पार्वती को बताने लगे-
शिव जी के अनुसार व्यक्ति के तन का रंग हल्का पीला पड़ने लगे या सफ़ेद व थोड़ा सा लाल पड़ने लगे तो यह इस ओर इशारा करता है कि व्यक्ति की मौत अगले 6 महीने के अंतराल में होने वाली है।
जो व्यक्ति अपने प्रतिबिंब को पानी, तेल और सीसे में देखने में असमर्थता महसूस हो जाता है तो यह इंगित करता है कि उसकी मौत अगले 6 महीनों के अंतराल में होने वाली है।
जिस व्यक्ति को अपनी वास्तविक उम्र से ज्यादा जीते हैं उन्हें उनकी छाया दिखाई नहीं देती और जिन्हें दिखाई देती है उन्हें धड़ रहित छाया दिखाई देती है। जो
अधिक भयभीत करने वाली होती है।
जिस किसी के बाएं हाथ में अजीब तरह की मरोड़ आने लगे और अगर यह एक हफ्ते से ज्यादा तक जारी रहे तो समझ लीजिए वह इंसान एक महीने से ज्यादा नहीं जी पाता।
जब जातक के साथ ऐसा होने लगे कि उसका मुंह, जीभ, आंखे, कान और नाक पत्थर की होती जा रही हैं तो उसक व्यक्ति की अगले 6 माह के बाद मृत्यु निश्चित होती है।
जो व्यक्ति चंद्रमा, सूर्य व अग्नि के प्रकाश को देखने में असमर्थता महसूस करने लगे तो या व्यक्ति को सूर्य, चंद्रमा और आसमान सिर्फ लाल नजर आने तो ऐसा व्यक्ति 6 महीने में मर जाता है।
जब व्यक्ति की जुबान में सूजन आ जाए और उसके दांतों से पस बहने लगे तो वो व्यक्ति भी 6 महीनें से ज्यादा नहीं जी पाता।