Shani Raksha Sutra: शनि जयंती पर बांधे रक्षासूत्र, जीवन में आने वाली परेशानियों से मिलेगी राहत

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 25 May, 2025 03:01 PM

shani raksha sutra

Shani Raksha Sutra: शनि देव का मूल रंग है नील (नीला)। यह केवल उनका वस्त्र या ग्रह रंग नहीं है बल्कि उनकी ऊर्जा स्पंदन का रंग है। नीले रंग का धागा शनि की ऊर्जाओं को ग्रहीत (absorb) और संरक्षित (contain) करता है। जब आप शनि जयंती पर यह रक्षासूत्र...

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Shani Raksha Sutra: शनि देव का मूल रंग है नील (नीला)। यह केवल उनका वस्त्र या ग्रह रंग नहीं है बल्कि उनकी ऊर्जा स्पंदन का रंग है। नीले रंग का धागा शनि की ऊर्जाओं को ग्रहीत (absorb) और संरक्षित (contain) करता है। जब आप शनि जयंती पर यह रक्षासूत्र बांधते हैं, तो यह एक जैव-चुंबकीय सुरक्षा चक्र (bio-magnetic shield) बनाता है।

Shani Raksha Sutra
शनि जयंती पर नील रक्षासूत्र बांधने के लाभ
शनि जयंती पर नील रक्षासूत्र बांधने से नज़र दोष और अनचाही निगेटिविटी से पूर्ण सुरक्षा मिलती है। शनि की ऊर्जा में प्रबल ग्रह रक्षात्मक गुण होते हैं। यह रक्षासूत्र मूक प्रहरी बन जाता है, जो दूसरों की ईर्ष्या, कटुता या छुपी बद्दुआओं को आपके ऊर्जा क्षेत्र में घुसने नहीं देता।

नीला रक्षासूत्र अदृश्य रक्षा कवच
ग्रह-रोगों और ब्लड से जुड़ी समस्याओं में राहत मिलती है। शनि का सीधा संबंध रक्त-संचार, हड्डियों और स्नायु-तंत्र से है। जब यह धागा दाहिने हाथ या पैर में बांधा जाता है तो यह शरीर के ग्रह गति संकेत (astro-bio signals) को संतुलित करता है। कुछ अनुभव करते हैं कि शारीरिक तनाव, दर्द और रक्तचाप में कमी आती है। अज्ञात भय, असफलता और विलंब से मुक्ति का संकेत मिलता है। शनि जब रुष्ट होते हैं तो व्यक्ति को जीवन में अकारण देरी और अवसाद घेरे रहता है।

Shani Raksha Sutra
पूर्वजों के ऋण से उभरने की शुरुआत
शनि का सीधा संबंध पितृ दोष से होता है। यह रक्षा सूत्र उस ऊर्जा को आपके चारों ओर सक्रिय करता है। जो वंशजों के अधूरे कर्मों को धीरे-धीरे शांत करती है।

काली तंत्र ऊर्जा से बचाव
रात्रि में की जाने वाली नकारात्मक क्रियाओं (जैसे अभिचार, ऊपरी बाधा आदि) के लिए शनि एक शक्तिशाली प्रतिकारक हैं।
नील धागा, जब शनि मंत्रों से स्पंदित होता है, तो वह इन सभी आक्रमणों को रिफ्लेक्ट करता है।
शनि आपकी मानसिक ऊर्जा को स्थिर बनाते हैं। नीलवर्ण धागा उस स्पंदन को त्वचा द्वारा धीरे-धीरे आत्मसात कराता है।
यह चिंता, भ्रम और अधिक सोचने से धीरे-धीरे छुटकारा दिलाता है।

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नील धागा बांधने की मौलिक विधि
नीले रंग का सूती धागा लें 7, 11 या 21 बार मोड़कर ब्रह्ममुहूर्त या सूर्योदय से पहले रखें।
एक कटोरी में जल, नीला फूल (या अपराजिता), और काले तिल रखें।
11 बार इस शनि मंत्र का जाप करें- ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः

धागे को तर्जनी और मध्यमा अंगुली से पकड़कर बोलें: “हे शनिदेव! यह रक्षासूत्र मेरे भीतर और बाहर की अंधकार-ऊर्जा को आपमें समर्पित करता है। मेरी छाया को प्रकाश में बदल दीजिए।”

पुरुष दाहिने हाथ में, महिला बाएं हाथ में बांधें।

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