Shani ka gochar: शनि की ढैया के प्रभाव में आएंगे वृश्चिक राशि के जातक

Edited By Updated: 19 Jan, 2023 07:51 AM

17 जनवरी, 2023 को शनि का कुंभ राशि में गोचर हो गया है। द्वादश राशियों पर इसके विभिन्न प्रभाव देखने को मिलेंगे। बात करते हैं वृश्चिक राशि की। ये जल तत्व की राशि है, शनि इस पर बहुत अधिक असर नहीं करते, फिर भी अलर्ट रहने की जरुरत है।​​​​​​​

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Shani transit january 2023: 17 जनवरी, 2023 को शनि का कुंभ राशि में गोचर हो गया है। द्वादश राशियों पर इसके विभिन्न प्रभाव देखने को मिलेंगे। बात करते हैं वृश्चिक राशि की। ये जल तत्व की राशि है, शनि इस पर बहुत अधिक असर नहीं करते, फिर भी अलर्ट रहने की जरुरत है।

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वृश्चिक राशि में शनि फिलहाल तीसरे भाव में गोचर कर रहे थे। ये गोचर उनके लिए अच्छा था क्योंकि पाप ग्रहों का गोचर 3, 6, 11 भाव में अच्छा होता है। अब स्थिती पलट गई है 17 जनवरी से शनि ने चौथे भाव से गोचर आरंभ कर दिया है। यह अष्टम ढैया शनि का चौथा ढैया शुरु होगा यानी चन्द्रामा से चौथे भाव से शनि का ट्रांजिट। इसे नेगेटिव नहीं लेना है। आपको यह बात अच्छे से समझनी होगी की शनि की ढैय्या और साढेसाती हर समय नुकसानदायक नहीं होती, इसे पॉजिटिव लें।

सबसे पहली बात तो यह है की यदि आपकी कुंडली में दशा महादशा और अंतर्दशा अच्छी चल रही है तो शनि का बहुत अधिक प्रभाव नहीं रहेगा। यदि आपकी कुंडली में शुक्र की महादशा चल रही है शुक्र 12वें भाव के मलिक बनते हैं तो हो सकता है थोड़ी सी दिक्कत हो। बुध की महादशा चल रही है, तो आपकी कुंडली में अष्टम के मालिक बनते हैं तो हो सकता है समस्या हो, यदि आपकी कुंडली में मंगल की दशा चल रही है तो मंगल आपकी कुंडली में छठे भाव के मालिक बनते हैं तो हो सकता है वो कोई न कोई दिक्कत कर दें।

यदि दशा खराब है तो वहां शनि एक इंपॉर्टेंट रोल प्ले कर देंगे। अपने ट्राजेंट के दौरान यदि दशा भाग्य स्थान की चल रही है तो बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। जहां भी शनि की दृष्टि पड़ती है, वहां पर कोई न कोई समस्या आती जरुर है। मानसिक रुप से इन परिस्थियों के लिए तैयार रहेंगे तो डटकर मुकाबला कर पाएंगे।

शनि जब चौथे भाव में बैठते हैं तो छठे भाव को देखते हैं। छठा भाव होता है रोग, ऋण और शत्रु। ये तीनों चीजें एक्टिवेट हो जाएगी।किसी से पैसा उधार न लें और न ही किसी को पैसा उधार दें। दोनों परिस्थितियों में नुकसान आपका है। खाने-पीने का खास ध्यान रखें। लोअर एब्डोमन में समस्याएं आ सकती हैं। किसी के अनावशक विवाद में न पड़ें। किसी की गारंटी नहीं लेनी। ये सभी चींजें करने से संभव है, इन भावों से संबंधित समस्या न हो।

शनि की दूसरी दृष्टि यानी सातवीं दृष्टि जाती है दशम भाव पर ये पिता, कर्म, नौकरी, करोबार और करियर को रिप्रेजेंट करता है। मंदगामी ग्रह होने के कारण शनि आपके हर पहलु को स्लो कर देंगे। पिता जी की सेहत का खास ध्यान रखें, छोटी-मोटी समस्या को नजरअंदाज न करें।

शनि की तीसरी और आखिरी यानी दसवीं दृष्टि जब आपके लग्न पर आएगी तो वो आपको सुस्त कर देगी। शनि के प्रभाव से हर काम के लिए डिले करना आरंभ कर देंगे। इस स्थिती से बचने की जरुरत है।

Shani ka upay उपाय- शनिदेव लेबर क्लास का प्रतिनिधित्व करते हैं, यदि आप अपने अंडर काम कर रहे कर्मचारियों को खुश रखेंगे तो शनि आप से प्रसन्न रहेंगे।

7 शनिवार काले तिल या उड़द की दाल का दान करें।

7 शनिवार छाया पात्र में देखा गया तेल शनि शीला पर शनिवार को अर्पित कर दें।

21 जनवरी को शनि अमावस्या है, इस रोज किया गया पूजन विशेष फलदाई होता है।  

नरेश कुमार
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