Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Oct, 2023 06:41 AM
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि के दिन कन्या पूजन और हवन करने का विधान है। 9 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व का समापन 23
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Shardiya Navratri Ashtami: ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि के दिन कन्या पूजन और हवन करने का विधान है। 9 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व का समापन 23 अक्टूबर को होगा। इसके अनुसार 22 अक्टूबर के दिन महाष्टमी की पूजा की जाएगी। वैसे तो नवरात्रि का हर दिन बहुत ही खास होता है लेकिन अष्टमी और नवमीं के दिन को सबसे खास माना जाता है। इस दिन महागौरी की पूजा करने का विधान है। अष्टमी के दिन कई घरों में व्रत का समापन हवन और कन्या पूजन के साथ किया जाता है। कन्या पूजन करने से मां जगदंबा अपने भक्तों से बहुत खुश रहती हैं। बता दें कि अगर अष्टमी के दिन आप हवन करते हैं तो आपको मुहूर्त का पता अवश्य होना चाहिए। मुहूर्त के अनुसार की गई पूजा ज्यादा फलदायक होती है। तो चलिए जानते हैं, हवन करने का शुभ मुहूर्त।
Ashtami Tithi Shubh muhurat अष्टमी तिथि शुभ मुहूर्त
अष्टमी तिथि आरंभ: 21 अक्टूबर को रात 9 बजकर 15 मिनट से
अष्टमी तिथि समापन: 22 अक्टूबर को रात 8 बजकर 57 मिनट तक
Auspicious time for Hawan हवन का शुभ मुहूर्त
दोपहर 12:38 से 02:10 के बीच
शाम को 07:34 से 08:22 के बीच
Auspicious time of Durga Ashtami Puja दुर्गा अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 से 12:46 तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:19 से 03:05 तक
अमृत काल: दोपहर 12:38 से 02:10 तक
संधि पूजा समय: शाम को 07:34 से 08:22 तक
निशीथ काल मुहूर्त: रात्रि 11:58 से 12:48 तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 06:35 से शाम 06:44 तक
रवि योग: शाम को 06:44 से अगले दिन सुबह 06:35 तक
Hawan Samagri हवन सामग्री
मान्यताओं के अनुसार अष्टमी के दिन हवन करना काफी शुभ माना जाता है। महाष्टमी के दिन हवन करने से जन्म-जन्मांतर के पाप कट जाते हैं। हवन करने के लिए इस सामग्री का होना भी बहुत जरुरी है। ये है हवन सामग्री: हवन कुंड, आम की लकड़ी, चावल, जौ, कलावा, शक्कर, गाय का घी, पान का पत्ता, काला तिल, सूखा नारियल, लौंग, इलायची और कपूर आदि।