Edited By Niyati Bhandari, Updated: 31 May, 2022 08:09 AM

शिव मंदिर क्षेत्र में शिवलिंग ही नहीं बल्कि उनके आसपास शिव परिवार के साथ-साथ हनुमान जी की प्रतिमा भी विराजित होती है चूंकि शिव का अर्थ ही ‘कल्याण’ बताया
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Hanuman pooja: शिव मंदिर क्षेत्र में शिवलिंग ही नहीं बल्कि उनके आसपास शिव परिवार के साथ-साथ हनुमान जी की प्रतिमा भी विराजित होती है चूंकि शिव का अर्थ ही ‘कल्याण’ बताया गया है। हनुमान भी रुद्र अवतार हैं इसलिए शिव मंदिर में भगवान शिव के साथ हनुमान जी की भी विशेष पूजा-उपासना के पीछे व्यावहारिक जीवन में सुख-सौभाग्य पाने से जुड़ा महत्वपूर्ण संदेश भी है। अगर आप ऐसी ही कामना रखते हैं तो शिवालय में हनुमान के दर्शन से जुड़ी इन बातों को जरूर अपनाएं।

Shiv shakti puja vidhi: शिव और शक्ति अभिन्न होने से शिव का स्मरण देवी कृपा देने वाला माना गया है इसलिए दुर्गा स्वरूपा महालक्ष्मी की प्रसन्नता से धन, सुख-सुविधाओं को पाने की आस पूरी करने के लिए विशेष मंत्रों से शिव उपासना बहुत ही मंगलकारी मानी गई है। सुबह और शाम को स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहन शिव मंदिर में शिवलिंग पर जल व दूध की धारा से स्नान अर्पित करते हुए नीचे लिखे सरल मंत्र बोलें जो अपार श्री, र्कीत व समृद्धि देने वाले माने गए हैं-

Shiv mantra: ऊँ नमो महादेवाय, ऊँ नम: शूलपाणये, ऊँ नमो महेशाय, ऊँ नमो हराय, ऊँ नम: शिवाय, ऊँ नम: पशुपतये, ऊँ नम: पिनाकिने।

Shiv shakti pooja benefits: बाद में धतूरा, बिल्वपत्र, सफेद फूल और सफेद वस्त्र चढ़ाकर शिव पूजा करें व खीर का भोग लगाएं। शिव की प्रसन्नता के लिए शिव स्रोत पाठ करें या कराएं। अंत में शिव की धूप, गोघृत दीप व कपूर से आरती करें। क्षमा-प्रार्थना के साथ स्वयं और परिवार की सुख और मंगल की कामना करें।

Hanuman puja: शिवालय में श्री हनुमान दर्शन से सेवा और ब्रह्मचर्य यानी संयम की सीख लें। श्री हनुमान बुद्धि ही नहीं बल्कि धैर्य और संयम द्वारा पाए अद्भुत बल से ऊर्जावान और सक्रिय रह कर हर लक्ष्य को भेदने में सफल रहे। सार देखें तो हनुमान दर्शन में बुद्धि, बल के सदुपयोग और संयम की सीख मिलती है। जिस पर चल कर ही शिवमय होना यानी सुख-सौभाग्य रूपी कल्याण को प्राप्त होना संभव है।
इस तरह शिव मंदिर में हनुमान पूजा व दर्शन जीवन में जल्द ही सुखद बदलाव लाने वाले माने गए हैं। जिसके लिए खासतौर पर सिंदूर, जो शिव के अंश पारे से बना होता है, हनुमान को सुगंधित तेल के साथ अर्पित करें। जनेऊ, गुड़-चने, केले का प्रसाद अर्पित करें। हनुमान मंत्र, हनुमान चालीसा, हनुमान अष्टक आदि का पाठ करें।
