Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Oct, 2017 01:06 PM
इच्छापूर्ति हेतु कई प्रकार के मंत्र पढ़े जाते हैं लेकिन उनमें से कुछ सर्वसाधारण के लिए क्लिष्ट होते हैं। रामचरित मानस के दोहे, चौपाई और सोरठा अथवा उनके मंत्रों से इच्छापूर्ति की जा सकती है, जो
इच्छापूर्ति हेतु कई प्रकार के मंत्र पढ़े जाते हैं लेकिन उनमें से कुछ सर्वसाधारण के लिए क्लिष्ट होते हैं। रामचरित मानस के दोहे, चौपाई और सोरठा अथवा उनके मंत्रों से इच्छापूर्ति की जा सकती है, जो अपेक्षाकृत सरल है। रामचरितमानस के ये 10 दोहे हैं खास आपके लिए आवश्यकता के अनुरूप कोई मंत्र लेकर एक माला जपें तथा एक माला का हवन करें। जप के पहले श्री हनुमान चालीसा का पाठ कर लें तो शुभ रहेगा। जब तक कार्य पूरा न हो, तब तक एक माला (तुलसी की) नित्य जपें। यदि सम्पुट में इनका प्रयोग करें तो शीघ्र तथा निश्चित कार्यसिद्धि होगी।
इच्छानुसार करें दोहे का चुनाव, पाएं मुंह मांगा वरदान
मनोकामना पूर्ति एवं सर्वबाधा निवारण
‘कवन सो काज कठिन जग माही। जो नहीं होइ तात तुम पाहीं॥’
भय व संशय निवृत्ति के लिए
‘रामकथा सुंदर कर तारी। संशय बिहग उड़व निहारी॥’
अनजान स्थान पर भय के लिए मंत्र पढ़कर रक्षारेखा खींचें
‘मामभिरक्षय रघुकुल नायक। धृतवर चाप रुचिर कर सायक॥’
भगवान राम की शरण प्राप्ति हेतु
‘सुनि प्रभु वचन हरष हनुमाना। सरनागत बच्छल भगवाना॥’
विपत्ति नाश के लिए
‘राजीव नयन धरें धनु सायक। भगत बिपति भंजन सुखदायक॥’
रोग तथा उपद्रवों की शांति हेतु
‘दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम राज नङ्क्षह काहुही ब्यापा॥’
आजीविका प्राप्ति या वृद्धि हेतु
‘बिस्व भरन पोषण कर जोई। ताकर नाम भरत अस होई॥’
विद्या प्राप्ति के लिए
‘गुरु गृह गए पढऩ रघुराई। अल्पकाल विद्या सब आई॥’
सम्पत्ति प्राप्ति के लिए
‘जे सकाम नर सुनहि जे गावहि। सुख संपत्ति नानविधि पावहि॥’
शत्रु नाश के लिए
‘बयरू न कर काहू सन कोई। राम प्रताप विषमता खोई॥’