Shree Stambheshwar Mahadev: दिन में दो बार पानी में डूब जाता है महादेव का ये अनोखा मंदिर

Edited By Updated: 11 Feb, 2024 08:55 AM

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स्तम्भेश्वर महादेव मंदिर गुजरात की राजधानी गांधीनगर से लगभग 175 कि.मी. दूर जंबूसर के कवि कंबोई गांव में मौजूद है। मंदिर 150 साल पुराना

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Shree Stambheshwar Mahadev: स्तम्भेश्वर महादेव मंदिर गुजरात की राजधानी गांधीनगर से लगभग 175 कि.मी. दूर जंबूसर के कवि कंबोई गांव में मौजूद है। मंदिर 150 साल पुराना है, जो अरब सागर और खंभात की खाड़ी से घिरा हुआ है। इस मंदिर की महिमा देखने के लिए आपको यहां सुबह से लेकर रात तक रुकना पड़ेगा। भले ही भारत में समुद्र के करीब कई तीर्थस्थल हैं, लेकिन उनमें से ऐसा कोई मंदिर नहीं है, जो पानी में पूरी तरह से डूब जाता है लेकिन स्तम्भेश्वर महादेव मंदिर दिन में दो बार समुद्र में समा जाता है और इसी वजह से यह मंदिर इतना अनोखा है।

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इसके पीछे प्राकृतिक कारण है। दरअसल, पूरे दिन में समुद्र का जलस्तर इतना बढ़ जाता है कि मंदिर पूरी तरह से डूब जाता है और फिर पानी का स्तर कम होने के बाद यह मंदिर फिर से दिखाई देने लगता है। ऐसा सुबह-शाम दो बार होता है और लोगों द्वारा इसे मंदिर में स्थापित शिवलिंग का अभिषेक माना जाता है।

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मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा
शिवपुराण के अनुसार, ताड़कासुर नामक असुर ने भगवान शिव को अपनी तपस्या से खुश कर दिया था, इसके बदले में शिव जी ने उसे मनचाहा वरदान दिया था। वरदान यह था कि उस असुर को शिव पुत्र के अलावा और कोई नहीं मार सकता था और पुत्र की आयु भी 6 दिन की ही होनी चाहिए।

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वरदान मिलने के बाद, ताड़कासुर ने हर तरफ लोगों को परेशान करना और उन्हें मारना शुरू कर दिया। यह सब देख कर देवताओं और ऋषि-मुनियों ने शिव जी से उसका वध करने की प्रार्थना की। उनकी प्रार्थना सुनने के बाद श्वेत पर्वत कुंड से 6 दिन के कार्तिकेय ने जन्म लिया। असुर का वध कार्तिकेय  ने कर तो दिया, लेकिन जब उन्हें पता चला कि वह एक अनन्य शिव भक्त था तो उन्हें बेहद दुख पहुंचा।

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उनका दुख कम करने के लिए भगवान विष्णु ने उन्हें प्रायश्चित करने का एक उपाय सुझाया। विष्णु भगवान ने उन्हें कहा कि जहां उन्होंने असुर का वध किया है, वहां वह एक शिवलिंग की स्थापना करें। इस तरह इस मंदिर को बाद में स्तम्भेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाने लगा।

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कैसे पहुंचें
कवि कंबोई गांव वडोदरा से लगभग 78 कि.मी. दूर है। आप ट्रेन और बस से वडोदरा पहुंच सकते हैं। वडोदरा ही यहां से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। यह स्थान वडोदरा, भरूच और भावनगर जैसे शहरों से सड़क मार्ग से भी अच्छी तरह जुड़ा है। वडोदरा से स्तम्भेश्वर महादेव मंदिर के लिए आप प्राइवेट टैक्सी भी ले सकते हैं।
 

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