Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Jan, 2018 02:16 PM
कल शुक्रवार 5 जनवरी 2018 को मघा नक्षत्र और चतुर्थी के संयोग से प्रीति नामक शुभ योग बन रहा है। इस योग में प्रेम संबंधित कामों में सफलता मिलती है तथा इस में शत्रु भी मित्र बन जाते हैं। इसके साथ ही बव और बाल्व नामक दो
कल शुक्रवार 5 जनवरी 2018 को मघा नक्षत्र और चतुर्थी के संयोग से प्रीति नामक शुभ योग बन रहा है। इस योग में प्रेम संबंधित कामों में सफलता मिलती है तथा इस में शत्रु भी मित्र बन जाते हैं। इसके साथ ही बव और बाल्व नामक दो शुभ करण बन रहे हैं। बव करण को शेर की संज्ञा प्राप्त है। बाल्व कर्ण को चीते की संज्ञा प्राप्त है। इन दोनों कर्मों में शत्रु का संघार और सर्व कामों में सफलता मिलती है। इस विशेष योग में तिलकुटा चौथ पर सिद्धियों के लिए विशेष परिस्थितियां जन्म ले रही हैं। इस चतुर्थी को संकटों से उभारने वाली चौथ कहा गया है। आज के दिन किए गए विशेष उपाय और पूजन से साल भर तक संकट आपके पास भी नहीं फटकेंगे।
महादेव के वरदान अनुसार चन्द्रमा भगवान गणेश का मुकुट बनकर समस्त जगत के शत्रुओं का नाश करते हैं। गणपति को शास्त्रों में भगवान विष्णु का ही अवतरण बताया गया है तथा गणपति को लक्ष्मी प्रिय होने का वरदान भी प्राप्त है। इस दिन विशेष रूप से भगवान गणेश के लक्ष्मी विनायक रूप का पूजन सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
भविष्य पुराण चतुवर्ग चिंतामणि और कृत्य कल्प तरू शास्त्रों में इस चतुर्थी का महामण्डन किया गया है। इस चतुर्थी पर लक्ष्मीविनायक के पूजन से अपार धन संपत्ति मिलने के योग बनते हैं। ये स्वरूप श्वेत वर्ण है। इनकी दोनों पत्नियां सफेद रंग का कमल धारण किए हुए इनकी दोनों जंघाओं पर विराजित हैं। ये भगवान का अष्टधारी भुजा स्वरूप अपने आठों हाथों में अभयमुद्रा लिए हुए है- तोता, अनार, तलवार, पार्ष, अंकुश, कल्प वृत्र, कमण्डल धारण किए हैं। भगवान गणेश के इस स्वरूप को लक्ष्मी का वरदान भी प्राप्त है। इस स्वरूप के पूजन से देवी लक्ष्मी का स्वयं पूजन हो जाता है। इस मंत्र से करें श्री गणेश और लक्ष्मी को करें प्रसन्न, मिलेगा शांति और तरक्की का वरदान।
मंत्र- ॐ श्रीं गं गणपतये लक्ष्म्यै आगच्छ आगच्छ फट् स्वाहा ॥
आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com