Janaki Jayanti 2021 : श्री जानकी मंदिर में हैैं 115 सरोवर व कई चमत्कारी कुंड

Edited By Updated: 20 May, 2021 05:45 PM

sri janki mandir in nepal

वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को सीता जयंती यानि सीता नवमी का पर्व मनाया जाता है। मान्यताएं हैं कि इस दिन देवी सीता का जन्म हुआ था, जिस के उपलक्ष्य

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को सीता जयंती यानि सीता नवमी का पर्व मनाया जाता है। मान्यताएं हैं कि इस दिन देवी सीता का जन्म हुआ था, जिस के उपलक्ष्य में इस दिन को अधिक धूम धाम से मनाया जाता है। तो चलिए इसी खास अवसर पर आपके बताते हैं देवी सीता के एक बहुत प्रसिद्ध मंदिर के बारे में, जो नेपाल में स्थित है। वाल्मीकि रामायण आदि ग्रंथों के अनुसार राजा जनक मिथिला के राजा थे, जिसकी राजधानी का नाम जनकपुर था। जो वर्तमान में नेपाल काएक प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है। बता दें यह नेपाल की राजधानी काठमांडू से लगभग 400 कि.मी दक्षिण पूरब में स्थित है। 

लोक मान्यता के अनुसार के इस स्थान को श्री राम का ससुराल के रूप में जाना जाता है। तो वहीं बताया जाता है कि इस स्थल पर माता सीता ने अपना बचपन बिताया था। तथा इसी स्थल पर श्री राम से उनका विवाह संपन्न हुआ था। वर्तमान समय में यहां एक विशाल व सुंदर मंदिर बना हुआ है। आइए जानते हैं इस प्राचीन मंदिर के बारे में-

बताया जाता है कि इस मंदिर में विवाह पंचमी के दौरान अधिकतर भीड़ देखने को मिलती है। ऐसी मान्यताएं हैं कि इसी स्थल पर भगवान राम ने शिव धनुष को तोड़ा था। बताया जाता है आज भी इस मंदिर में उस धनुष के अवशेष देखने को मिलते हैं, जो एक पत्थर के रूप में स्थित है। इसके अलावा यहां धनुषा नाम से एक विवाह मंडप स्थित है, जिसमें विवाह पंचमी के दिन पूरे रीति-रिवाज़ से श्री राम-जानकी का विवाह संपन्न किया जाता है। जो इस स्थल से लगभग 14 कि.मी पर स्थित है।

मंदिर के निर्माण की बात करें तो कहा जाता है इस जानकी मंदिर का निर्माण भारत के टीकमगढ़ की महारानी वृषभानु कुमारी ने करवाया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार पुत्र प्राप्ति की कामना से प्राचीन समय में महारानी वृषभानु कुमारी यहां रहती थी। इस दौकरान उन्हें माता सीता की एक मूर्ति मिली थी। इससे संबंधित अन्य मान्यताओं के अनुसार यह मूर्ति एक संत को मिली थी, जो सोने की थी। लोक मत है कि 1895 ई. वें इस जानकी मंदिर का निर्माण करवाया गया था, जिस दौरान इसी मूर्ति को यहां स्थापित किया गया था। 

लगभग 4860 वर्ग फीट में फैले इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि जिस समय में मंदिर का निर्माण हुआ था तब इसके निर्माण में कुल नौ लाख रुपए खर्च हुए थे, जिस कारण इसे नौलखा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इसके अतिरिक्त इस मंदिर को जनकपुरधाम कहा जाता है। क्योंकि मंदिर के विशाल परिसर के आसपास कुल मिलाकर 115 सरोवर व कई कुण्ड भी हैं, जिनमें गंगासागर, परशुराम कुण्ड एवं धनुष-सागर अधिक प्रसिद्ध हैं। इस मंदिर की अन्य सबसे खास बात ये है कि यहां लगभग वर्ष 1967 से लगातार सीता-राम नाम का जाप और अखंड कीर्तन चल रहा है।
 

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!